मरम्मत कार्य पूरा होने से पहले ही जर्जर हो गई सड़क
मरम्मत कार्य पूरा होने से पहले ही जर्जर हो गई सड़क


बांकुड़ा, 10 जून (हि.स.)।

बांकुड़ा-झारग्राम स्टेट हाईवे का मरम्मत कार्य पूरा होने से पहले ही सड़क जर्जर हो गई है। करीब 140 करोड़ रुपये की लागत से इस महत्वपूर्ण सड़क के मरम्मत का काम शुरू किया गया था। लोक निर्माण विभाग के बांकुड़ा और बिष्णुपुर डिवीजन की देखरेख में इस सड़क के मरम्मत का काम अभी भी चल रहा है। इस बीच कई जगहों पर सड़क की पिचिंग उखड़ गई है। सारेंगा और रायपुर ब्लॉक इलाकों में सड़क पर गड्ढे हो गए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क का काम घटिया सामग्री से किया गया है।

सड़क के मरम्मत पर कई ठेकेदार कंपनियां काम कर रही हैं। आमतौर पर, ठेकेदार कंपनी को टेंडर प्रक्रिया के दौरान छूट या 'लेस' दिया जाता है। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। घटना में लोक निर्माण विभाग की भूमिका पर सवाल उठे हैं।

लोक निर्माण विभाग के बिष्णुपुर डिवीजन के कार्यपालक अभियंता संजय सहाना ने कहा, सड़क की मरम्मत करने के बाद उसे अभी तक हमें नहीं सौंपा गया है। सड़क तीन जगहों पर टूट गई है। मामला हमारे संज्ञान में आया है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बांकुड़ा डिवीजन के एक अधिकारी ने कहा, आमतौर पर ठेकेदारों को निविदा आमंत्रित की गई राशि से कम में काम का ठेका मिल जाता है। लेकिन, इस मामले में ठेकेदार को वह रियायत दिए बिना ही काम का ठेका मिल गया। हमें स्थानीय लोगों से सड़क के जर्जर होने की शिकायतें मिल रही हैं। पिच का काम पूरा होने के बाद, उस राज्य सड़क पर कई पुलियों का निर्माण शुरू हो गया है। हम जांच कर रहे हैं कि वहां कोई अनियमितता तो नहीं है।

लोक निर्माण विभाग के अनुसार बांकुड़ा-झाड़ग्राम राज्य राजमार्ग काफी लंबा है। इसीलिए सड़क को दो भागों में बांटकर लोक निर्माण विभाग के बांकुड़ा और बिष्णुपुर डिवीजन द्वारा रखरखाव किया जाता है। बांकुड़ा-1 ब्लॉक के धालडांगा क्षेत्र से सिमलापाल में शिलावती नदी घाट तक सड़क का 35 किलोमीटर का हिस्सा बांकुड़ा डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है। सिमलापाल से रायपुर के बेनागरी तक 32 किलोमीटर का हिस्सा बिष्णुपुर डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है। सड़क के मरम्मत का काम एक साल पहले दो चरणों में शुरू हुआ था। उससे पहले टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। बांकुड़ा डिवीजन के तहत सड़क के लिए करीब 66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बिष्णुपुर में डिवीजन के तहत सड़क के लिए 70 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए थे। उस पैसे से काम शुरू हुआ। स्थानीय लोगों का आरोप है कि काम की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही कई तरह के सवाल उठ रहे थे। काम में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस बारे में निवासियों ने ठेकेदार कंपनी से भी आपत्ति जताई थी। लेकिन, उन्होंने इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया। हालांकि, ठेकेदार कंपनी ने आरोपों से इनकार किया है। उनका दावा है कि सारा काम नियमों के मुताबिक किया गया है। किसी भी तरह की घटिया सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय