Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 11 जून (हि. स.)। कोलकाता की पहचान, उसका गौरव और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हावड़ा ब्रिज अब एक नए और अत्याधुनिक रूप में नजर आने वाला है। शहर के इस ऐतिहासिक धरोहर को नई रोशनी में सजाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कोल इंडिया लिमिटेड और श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के बीच इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
यह परियोजना कोल इंडिया लिमिटेड की स्वर्ण जयंती और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हावड़ा ब्रिज की भव्यता को बनाए रखते हुए उसे आधुनिक तकनीक और पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ और भी आकर्षक बनाना है।
सन 1943 में हुगली नदी पर बना हावड़ा ब्रिज, जिसे रवींद्र सेतु के नाम से भी जाना जाता है, न केवल इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना है, बल्कि यह कोलकाता की जीवनरेखा भी है। दो हजार 150 फीट लंबा, 70.9 फीट चौड़ा और 269 फीट ऊंचा यह पुल प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहनों और 1.5 लाख पैदल यात्रियों का भार वहन करता है, जिससे यह देश के सबसे व्यस्त पुलों में शामिल है।
अब यह पुल सिर्फ एक यातायात मार्ग नहीं, बल्कि एक रात में चमकता हुआ सांस्कृतिक लैंडमार्क बनने जा रहा है।
कोल इंडिया लिमिटेड और श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट की इस साझा परियोजना के तहत हावड़ा ब्रिज की मौजूदा रोशनी व्यवस्था को पूरी तरह अपग्रेड किया जाएगा। वाल्यूमेट्रिक और स्केलेटन रोशनी तकनीक के माध्यम से पुल की पूरी संरचना को इस तरह रोशन किया जाएगा कि उसकी वास्तुकला की भव्यता और अधिक उभरकर सामने आए।
विशेष बात यह है कि इस रोशनी को संगीत के साथ सिंक्रोनाइज़ किया जाएगा, जिससे खास मौकों जैसे दुर्गा पूजा, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि पर पुल पर गतिशील लाइट शो का आयोजन संभव होगा। यह न केवल देखने में अद्वितीय होगा, बल्कि यह कोलकाता को एक और अंतरराष्ट्रीय पहचान देने वाला कदम होगा।
इस संपूर्ण रोशनी व्यवस्था को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाता है। कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पीएम प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि हावड़ा ब्रिज को आधुनिक स्वरूप में सजाना सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि यह कोलकाता की आत्मा को नई पहचान देने की हमारी कोशिश है। यह पहल हमारी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
वहीं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के चेयरमैन रथेंद्र रमन ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि यह परियोजना पुल की कार्यक्षमता के साथ-साथ इसे एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र में भी बदल देगी, जिससे कोलकाता के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
यह परियोजना न केवल तकनीकी उन्नति का उदाहरण बनेगी, बल्कि यह कोलकाता की परंपरा, आधुनिकता और पर्यावरण चेतना के बीच एक संतुलित सेतु का कार्य करेगी। हावड़ा ब्रिज, जो अब तक दिन में शहर के व्यस्त जीवन का हिस्सा था, जल्द ही रात में एक कलात्मक और प्रकाशमय अनुभव के रूप में उभरेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय