विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिकों ने दी नई कृषि तकनीक की जानकारी
किसानो को जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक


पूर्वी चंपारण,10 जून (हि.स.)।भारत सरकार के महत्वाकांक्षी विकसित कृषि संकल्प अभियान के तेरहवें दिन मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र, परसौनी की टीम-2 के द्वारा हरसिद्धि प्रखंड के ग्राम बैरिया डीह, मठ लोहियार और यादवपुर में अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत महात्मा गाँधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान, पीपराकोठी के निदेशक डॉ. एस. के. पूर्वे ने अभियान के उद्देश्यों और इसके महत्व को किसानों के बीच रखा।

उन्होंने फसल की बुवाई से पूर्व मिट्टी जाँच करने पर जोर देते हुए मौसम आधारित खेती करने पर जोर दिया।साथ ही एफ.पी.ओ. के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसके गठन संबंधी जानकारी भी दी। इसके साथ ही उन्होंने कीट और रोग प्रबंधन के लिए जैविक कीटनाशकों और और दवाओं के बनाने की विधि और उनके प्रयोग संबंधी जानकारी भी दी। मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. रवि कुमार ने मछली पालन के लिए तालाब निर्माण, पानी की गुणवत्ता, मछली की अच्छी प्रजातियों, संतुलित आहार और मछली पालन के लिए उपयोगी उपकरणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के बारे में विस्तार से बताया।

कृषि विज्ञान केन्द्र, परसौनी के मृदा विशेषज्ञ डॉ आशीष राय ने मृदा जांच के आधार पर धान, मक्का, गन्ना की फसलों में संतुलित उर्वरकों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने धान की फसल में अज़ोला के प्रयोग, अंतर्वर्ती खेती और मोटे अनाज जैसे मडुआ, बाजरा, साँवा आदि की खेती करने की जानकारी दी।

उन्होंने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, कृषि अवसंरचना कोष, समेकित बागवानी विकास मिशन के बारे में भी जानकारी दी। कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ डॉ. अंशु गंगवार ने गहरी जुताई और भूमि समतलीकरण करने की सलाह देते हुए धान की सीधी बुवाई और मक्का की रेज्ड बेड तकनीकी से बुवाई करने की जानकारी दी और इसके लिए उपयोगी कृषि यंत्रों जैसे जीरो टिल सह फर्टि सीड ड्रिल मशीन, राइस व्हीट सीडर, रेज्ड बेड प्लांटर जैसे यंत्रों के संचालन एवं रखरखाव के बारे में किसानों को विस्तार से बताया।

उन्होंने फसलों में खरपतवार प्रबंधन के लिए यांत्रिकी विधियों को अपनाने पर जोर देते हुए पॉवर वीडर, हो, ग्रबर आदि के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पम्प और बागवानी फसलों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के प्रयोग और इसके लाभ के बारे में किसानों को बताया और इस तकनीकी को अपनाने की सलाह भी दी। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन, पीएम कुसुम योजना, पी.एम. कृषि सिंचाई योजना के बारे में भी विस्तार से बताया। अभियान में समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नीला माधव और कृषि विभाग के किसान सलाहकार, कृषि समन्यवक, एटीएम व बीटीएम उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार