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कोलकाता, 14 दिसंबर (हि. स.)। युवाभारती कांड में गिरफ्तार शतद्रु दत्त को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश अदालत ने दिया है। कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को बिधाननगर सब-डिवीजनल कोर्ट में उन्हें पेश किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, सुनवाई में जमानत की अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने गिरफ्तार शतद्रु को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
जब शतद्रु को अदालत में पेश किया जा रहा था, उस समय बाहर से 'चोर-चोर' के नारे लगाए गए। यहां तक कि जूते हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। इससे अदालत के बाहर भारी उत्तेजना फैल गई। पुलिस ने सख्ती से स्थिति को नियंत्रण में लिया।
मेसी को कोलकाता लाने के मुख्य सूत्रधार शतद्रु दत्त थे। युवाभारती में हुई अव्यवस्था के बाद शनिवार को कोलकाता हवाई अड्डे से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दो मामले दर्ज कर घटना की जांच शुरू की है।
बिधाननगर दक्षिण थाने में स्वतः संज्ञान मामला दर्ज किया गया है। अशांति, तोड़फोड़, हिंसा फैलाने के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 192, 324(4)(5), 326(5), 132, 121(2), 45, 46 और तोड़फोड़ की गतिविधियां फैलाने तथा जनता की सुरक्षा में बाधा डालने के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया है। यहां तक कि शतद्रु के खिलाफ कई गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
इसी मामले में आज मुख्य आरोपित को अदालत में पेश किया गया। शतद्रु के वकील ने बताया कि आयोजक और इवेंट मैनेजर का काम दो तरह का होता है। उनका मेसी को लाने के पीछे एक महान उद्देश्य था। लेकिन परिस्थितियों का शिकार हो गए। यहां तक कि युवाभारती में तोड़फोड़ की घटना में शतद्रु दत्त किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं, ऐसा भी उनके वकील ने कहा।
इतना ही नहीं, अव्यवस्था की जिम्मेदारी दर्शकों पर भी डाल दी। उनके अनुसार, जिस तरह दर्शकों ने कुर्सियां फेंकीं, तोड़फोड़ करके विरोध जताया, वह सही नहीं है।
दूसरी ओर, रविवार को जांच समिति के सदस्यों ने युवाभारती स्टेडियम का निरीक्षण किया। घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम कुमार रॉय के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया गया था। समिति में मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, खेल सचिव राजेश सिन्हा आदि शामिल हैं। संयुक्त रूप से समिति के सदस्यों ने पूरे स्टेडियम का निरीक्षण किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय