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करोड़ों की धनराशि के हुए समझौते
झांसी, 13 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ शनिवार को जनपद न्यायाधीश कमलेश कच्छल द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के कुल 2,57,610 वादों का निस्तारण किया गया। साथ ही करोड़ों की राशि का भी समायोजन किया गया।
लोक अदालत में 247 वैवाहिक प्रकरण, 148 अन्य सिविल वाद, 9,246 अन्य वाद तथा 8,507 शमनीय आपराधिक वाद शामिल रहे, जिनमें 1 करोड़ 19 लाख 62 हजार 849 रुपये अर्थदण्ड के रूप में वसूल किए गए। जनपद के राजस्व एवं दाण्डिक न्यायालयों द्वारा 249 राजस्व वाद, 1,343 आपराधिक वाद, 9,624 विद्युत उपभोक्ता वाद, 38 श्रम विवाद तथा 75,728 जनहित गारंटी अधिनियम के वादों का निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त 81 करोड़ 98 लाख 87 हजार 855 रुपये की धनराशि से संबंधित 1,282 बैंक ऋण एवं 27 मोबाइल बिल के प्री-लिटिगेशन वाद भी सुलह-समझौते से निस्तारित हुए।
परिवार न्यायालय सहित विभिन्न न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा बड़ी संख्या में मामलों का निस्तारण किया गया, जिससे आमजन को त्वरित न्याय एवं राहत मिली।
अपर जिला जज/सचिव शरद कुमार चौधरी ने जनपदवासियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता की सहभागिता से ही राष्ट्रीय लोक अदालत में यह रिकॉर्ड निस्तारण संभव हो सका। उन्होंने इसे त्वरित, सुलभ और सस्ती न्याय प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
इस अवसर पर तमाम न्यायिक अधिकारी एवं बैंक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया