गंभीर ब्रेन हेमरेज से पीड़ित 30 वर्षीय युवती को मिनिमली इनवेसिव एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग प्रोसीजर कर सफलतापूर्वक बचाया
मंडी, 13 दिसंबर (हि.स.)। अचानक होने वाला ब्रेन हेमरेज लंबे समय की अपंगता और यहां तक कि मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। यह जानलेवा स्थिति दिमाग की खून की नसों में ब्लीडिंग एन्यूरिज्म की वजह से होती है, जिससे दिमाग के सेल्स को ऐसा नुक्सान पहुंचता है कि
मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए डा. विवेक अग्रवाल।


मंडी, 13 दिसंबर (हि.स.)। अचानक होने वाला ब्रेन हेमरेज लंबे समय की अपंगता और यहां तक कि मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। यह जानलेवा स्थिति दिमाग की खून की नसों में ब्लीडिंग एन्यूरिज्म की वजह से होती है, जिससे दिमाग के सेल्स को ऐसा नुक्सान पहुंचता है कि उसे ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में उपलब्ध एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग जैसी एडवांस्ड मेडिकल तकनीक से कई लोगों के जीवन को बचाने में सफलता मिली है।

एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग एक मिनिमली-इनवेसिव प्रोसीजर है जिसमें प्लैटिनम कॉइल का इस्तेमाल करके एन्यूरिज्म को सील करने के लिए ब्रेन आर्टरी में कैथेटर डाला जाता है। इससे ओपन ब्रेन सर्जरी की जरूरत के बिना ब्लीडिंग पॉइंट को बंद कर दिया जाता है। ऐसे ही एक मामले में, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. विवेक अग्रवाल की टीम ने हाल ही में एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग के जरिए एक्यूट सबराक्नॉइड ब्रेन हैमरेज से पीड़ित 30 साल की एक महिला की जान बचाई।

एक्यूट ब्रेन हेमरेज एक जानलेवा मेडिकल इमरजेंसी है जो ब्रेन और उसे ढकने वाले पतले टिशू के बीच की जगह में अचानक ब्लीडिंग होने की वजह से होती है। इससे मरीज को तेज सिरदर्द, चक्कर आना, दौरे पड़ने के साथ बेहोशी (सिंकोप) की भी समस्या होने लगती है और यही समस्या इस मरीज को भी हुई थी।

इस केस पर बात करते हुए, डॉ. विवेक अग्रवाल ने कहा कि ब्रेन एन्यूरिज्म की एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग से मरीज की जान और दिमाग, दोनों की सुरक्षा होती है। यह केस दिखाता है कि कैसे समय पर डायग्नोसिस और कोऑर्डिनेटेड केयर ब्रेन हेमरेज जैसी खतरनाक स्थिति को भी ठीक कर सकती है।

इलाज के लिए मरीज को फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ले जाया गया, जहां रैपिड न्यूरो-इमेजिंग जैसी मेडिकल जांच से एन्यूरिज्म फटने की वजह से ब्रेन हैमरेज होने का पता चला। समय बहुत कम था, इसलिए न्यूरोसर्जरी और न्यूरो-इंटरवेंशनल की टीम तुरंत तत्परता दिखाई। एन्यूरिज्म की एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग के बाद, मरीज की पोस्ट-ऑपरेटिव रिकवरी आसानी से हुई और सर्जरी के चार दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। जल्द ही मरीज में न्यूरोलॉजिकल सुधार दिखने लगा और अब लगभग सामान्य कार्यक्षमता लौट आई है।

उन्होंने कहा कि फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में एडवांस्ड इमेजिंग और मल्टीडिसिप्लिनरी एक्सपर्टीज के साथ 24x7 न्यूरो-रेडी इंफ्रास्ट्रक्चर की सेवाएं उपलब्ध है, जो ऐसे सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा