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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सेक्स स्कैंडल के आरोपित और जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्जवल रेवन्ना को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने रेवन्ना के खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों को बेंगलुरु की एमपी-एमएलए कोर्ट से दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
रेवन्ना ने एमपी-एमएलए कोर्ट के जज पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालयने कहा कि एमपी-एमएलए कोर्ट के जज का मत पक्षपात का आधार नहीं हो सकता है। एमपी-एमएलए के जज ने तथ्यों के आधार पर अपना मत बनाया है।
सुनवाई के दौरान रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे ने कहा कि एमपी-एमएलए कोर्ट के जज ने वकीलों पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की थी जिसे हटाने की जरूरत है। तब कोर्ट ने कहा कि वकीलों को भी जजों को गिरवी नहीं समझना चाहिए। इसके पहले रेवन्ना ने कर्नाटक उच्च न्यायालयमें याचिका दायर किया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 24 सितंबर को याचिका खारिज कर दिया था। इसके बाद रेवन्ना ने उच्चतम न्यायालयका दरवाजा खटखटाया था।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी