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नाहन, 03 नवंबर (हि.स.)। सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव के 556वें प्रकाश पर्व की आस्था और उल्लास में पांवटा नगरी पूरी तरह डूब चुकी है। तीन दिवसीय गुरु प्रकाश उत्सव (3 से 5 नवंबर) की शुरुआत के साथ ही गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब और पूरा शहर दुल्हन की तरह जगमगा उठा है।गुरुद्वारा परिसर को आकर्षक रोशनी, रंग-बिरंगे फूलों और धार्मिक झंडों से सजाया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था का आलम यह है कि देश-विदेश से संगत पांवटा साहिब पहुंच रही है, जो यहां माथा टेककर सुख-समृद्धि की कामना कर रही है।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के उप प्रधान जत्थेदार जोगा सिंह और प्रबंधक सरदार जागीर सिंह ने बताया कि 3 नवंबर से अखंड पाठों की शुरुआत हो चुकी है। तीन अखंड पाठों का भोग 5 नवंबर सुबह 6 बजे डाला जाएगा। पूरे तीन दिन गुरबाणी, कीर्तन और सेवा का माहौल रहेगा।गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर सरदार जगीर सिंह ने बताया कि 4 नवंबर (सोमवार) को दोपहर 1 बजे नगर में विशाल नगर कीर्तन निकलेगा। इसमें स्कूली बच्चे बैंड दलों के साथ चलेंगे, गतका पार्टियां अपने शानदार करतब दिखाएंगी और गुरु ग्रंथ साहिब जी की सुंदर पालकी नगर भ्रमण करेगी। नगर कीर्तन बद्रीपुर तक जाएगा और वहां से वापिस गुरुद्वारा साहिब लौटेगा।
।3 नवंबर को निशान साहिब झुलाने और अमृत संचार का आयोजन होगा। पूरे दिन विशेष दीवान सजेंगे, जिनमें प्रसिद्ध रागी, ढाढी जत्थे और स्थानीय कीर्तन मंडलियां संगत को निहाल करेंगी।रात 9 बजे से 12 बजे तक कवि दरबार का आयोजन होगा, जिसमें दूर-दराज से आए कवि गुरु नानक देव जी के जीवन पर आधारित रचनाएं पेश करेंगे।
गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान हरभजन सिंह ने बताया कि संगत के ठहराव, लंगर और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। पांवटा साहिब के साथ-साथ कपाल मोचन (यमुनानगर) में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर