गिरिडीह : नाइजर में झारखंड के अपहृत पांच श्रमिकों का छह माह बाद भी सुराग नहीं
परिजनों की तस्वीर


गिरिडीह, 2 नवंबर (हि.स.)। पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर में तकरीबन छह महीने बाद भी झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर के पांच अपहृत प्रवासी श्रमिकों की रिहाई नहीं हो सकी है। ना ही उनका काेई अबतक सुराग मिला है।

नाइजर में कल्पतरु नामक ट्रांसमिशन कंपनी में छह महीने पूर्व 25 अप्रैल 2025 को नाइजर में सशस्त्र अपराधियों का जत्था कैंप में पहुंचकर सुरक्षा गार्ड में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोलकर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी।घटना के बाद अपराधियों ने झारखंड के पांच प्रवासी मजदूरों का अगवा कर लिया था।

जिन मजदूरों का अपहरण किया गया था,उनमें झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उतम महतो शामिल है।

वहीं दूसरी घटना पिछले 15 जुलाई 2025 को नाइजर में ही ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में काम करनेवाले झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तिलैया पंचायत के कारीपानी के गणेश करमाली और यूपी के कृष्णा गुप्ता सहित सात सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थीं। जबकि जम्मू कश्मीर के रामबन जिले के रहने वाले रंजीत सिंह को अगवा कर लिया।

वहीं जिले के डुमरी प्रखंड की मधगोपाली पंचायत के दूधपनिया गांव निवासी प्रवासी मजदूर विजय कुमार महतो की सऊदी अरब में पुलिस के क्रॉस फायरिंग में मौत हो गई थी। मौत के बाद से विजय का शव सऊदी अरब में ही पड़ा है।

इस गंभीर मामले को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकन्दर अली ने रविवार काे अपहृत मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी की दिशा में पहल किए जाने की मांग की है। साथी ही साथ विजय कुमार महतो के पार्थिव शरीर काे सऊदी से उचित मुआवजे के साथ भारत लाने की जल्द से जल्द पहल की जाने की मांग की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलनयन छपेरिया