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पश्चिमी सिंहभूम, 2 नवंबर (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा में रविवार को आदिवासी हो समाज महासभा भवन, हरिगुटू में हुई एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया कि झारखंड सरकार के मंत्री और चाईबासा के विधायक दीपक बिरूवा को खोजने के लिए समाज के हज़ारों लोग घाटशिला जाएंगे।
बैठक की शुरुआत उन आंदोलनकारियों के पारंपरिक स्वागत के साथ हुई जो हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। रिहा साथियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जेल में बंद अन्य आंदोलनकारी किस स्थिति में हैं।
समाज के प्रतिनिधियों ने झामुमो नेताओं की ओर से भाजपा नेताओं के पुतला दहन की कड़ी निंदा की और कहा कि आदिवासी समाज किसी भी राजनीतिक दल से ऊपर है। सभा में यह नारा गूंजा — “पहले समाज, बाद में पार्टी।”बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि सरकार को आंदोलन के दौरान गिरफ्तार या चिन्हित सभी लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे बिना शर्त वापस लेने होंगे।
समाज ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि मंत्री दीपक बिरूवा कई दिनों से सार्वजनिक जीवन से गायब हैं और बताया जा रहा है कि वे घाटशिला क्षेत्र में मौजूद हैं।
इसी कारण समाज के सदस्यों ने सामूहिक रूप से घाटशिला जाकर उन्हें खोजने की घोषणा की।
बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें दीपक बिरूवा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग, पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसी से न्यायिक जांच कराने, जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने, जेल भरो आंदोलन चलाने और प्रभावित इलाकों में पदयात्रा आरंभ करने जैसे प्रस्ताव शामिल थे।
सभा ने हाल ही में उपायुक्त के साथ हुई बैठक में प्रशासन के रवैए पर भी नाराज़गी जताई। इसके बाद उपायुक्त को हटाने के लिए एक विशेष जनअभियान चलाने का निर्णय लिया ।
इस बैठक में आदिवासी हो समाज के प्रतिनिधियों के साथ-साथ मुंडा समाज, उरांव समाज, संथाल समाज और अनेक आदिवासी संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक