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लखनऊ, 2 नवंबर (हि.स.)। लन्दन अकादमी ऑफ स्पोर्ट्स एंड हेल्थ साइंस व मयोफंक्शनल पोस्यचुरल रहाबिलिटेशन साइंस, स्पेन की ओर से एक होटल में फिजियोथेरेपी की द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार PHYSEM-2025 का आयोजन किया गया। सेमिनार में चार सौ से ज्यादा फिजियोथेरेपिस्ट उपस्थित रहे। सेमिनार में एक विजिस्ट तकनीक वाइब्रेशन साइंस की ओर से स्ट्रोक, न्यूरो व आर्थो बीमारियों तथा उसके समाधान के बारे में बताया गया।
सेमिनार का उद्घाटन पीआरओ डिफेंस मंत्री डाॅ. राघवेन्द्र शुक्ला, पूर्व आईएएस दिवाकर त्रिपाठी, समाजसेवक अमित गुप्ता व अल्पसंख्यक मंत्री हज कमेटी डाॅ. एहितशाम हुदा ने किया।
सेमिनार मे मुख्य वक्ता लन्दन अकादमी ऑफ स्पोर्ट्स एंड हेल्थ साइंस, यूके के एसोसिएट डायरेक्टर, प्रोफेसर डॉ. सैय्यद मोहम्मद वारिस ने बताया कि वाइब्रेशन साइंस द्वारा हम मरीजों को स्ट्रोक व स्ट्रेस से निजात दिला सकते हैं। डॉ. वारिस ने कई देशों मे वाइब्रेशन द्वारा उपचार किया है व काफी फिजियोथेरेपिस्टों को इस आधुनिक तकनीक के बारे में सिखाया है। भारत मे यह सेमिनार दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने इस सेमिनार के आयोजक सचिव डाॅ. संजय शुक्ला को सेमिनार के सफल आयोजन के लिए मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस तरह की सेमिनार का आयोजन समय-समय पर होना बहुत जरूरी हैं। इससे लोगों को फिजियोथेरेपी से सम्बन्धित नई तकनीकियों के बारे में जानकारी होती है और उनको यह पता चलता है कि फिजियोथेरेपी द्वारा विभिन्न गम्भीर बीमारियों का इलाज सम्भव है। सेमिनार मे डॉ. अलेक्स, जिन्होंने पेरू देश से ऑनलाइन होकर मयोफेसिअल की आधुनिक तकनीक के बारे में बताया व डॉ. सिल्वा डी रोका ने अपने रेकॉर्डेड लेक्चर में पोस्चर के रिहैबिलिटेशन पर बताया। साथ ही सेमिनार में लखनऊ के सीनियर फिजियाेथेरेपिस्ट अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. योगेश मंध्यान ने पेलविक फ्लोर व एरा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सुमित अस्थाना ने न्यूरो रिहैबिलिटेशन पर चर्चा की।
सेमिनार में विभिन्न प्रकार के स्थायी दर्द का फिजियोथेरेपी के माध्यम से समाधान के बारे में बताया गया। इसके साथ ही भाग-दौड़ भरे जीवन में विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं और दर्द के निवारण में फिजियोथेरेपी की भूमिका पर भी चर्चा हुई।
सेमिनार के कोषाध्यक्ष डॉ. विष्णु मूर्ति पाठक ने कहा कि आज की चिकित्सा प्रणाली में फिजियोथेरेपी की एक अहम भूमिका है। फिजियोथेरेपी का सही उपयोग करके काफी लोगों को घुटने के प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता है। उन्होनें कहा कि नई तकनीक ने फिजियोथेरेपी को और अधिक कारगर बनाया है। लेजर थेरेपी ऐसी ही एक तकनीक है। इसमें लेजर के माध्यम से लोगों को शरीर के विभिन्न अंगों के दर्द से निजात दिलाई जाती है। डॉ. नम्रता सूरी ने इस सेमिनार में आये सभी अतिथियों को सेमिनार के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा उन्होने कहा कि शहर में फिजियोथेरेपी से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर समय-समय पर सेमिनार का आयोजन किया जाता रहेगा।
इस मौके पर विभिन्न कंपनियों ने फिजियोथेरेपी के आधुनिक उपकरण के स्टाल भी लगाए। सेमिनार में शहर के फिजियोथेरेपिस्टों को विभिन्न टाइटल के साथ सम्मानित भी किया गया। सेमिनार में डॉ. ब्रजेश त्रिपाठी, डॉ. तेजवीर सिंह, डॉ. सुमित श्रीवास्तव, डॉ. सुरेन्द्र गौतम आदि उपस्थित रहे व आयोजकों ने इन्हें सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में विभिन्न शहरों से आये फिजियोथेरेपिस्ट समेत भारी मात्रा में छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा