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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)।
केरल के पहले ओलंपिक पदक विजेता मैनुअल फ्रेडरिक का शुक्रवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।
फ्रेडरिक भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर थे, जब भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर कांस्य पदक जीता था।
वे 1978 में अर्जेंटीना में हुए हॉकी विश्व कप में भी भारतीय टीम के गोलकीपर रहे।
कन्नूर जिले के बनास्सेरी के निवासी फ्रेडरिक को खेलों में उनके योगदान के लिए वर्ष 2019 में ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप के 16 फाइनल्स में टाई-ब्रेक में सफलतापूर्वक रक्षा करने का रिकॉर्ड बनाया था।
स्कूल के दिनों में उन्होंने अपनी खेल यात्रा की शुरुआत बीईएम स्कूल, कन्नूर में एक फुटबॉल स्ट्राइकर के रूप में की थी। बाद में सेंट माइकल्स स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने हॉकी में गोलकीपर की भूमिका निभानी शुरू की। केवल 17 वर्ष की आयु में उन्होंने मुंबई हॉकी एसोसिएशन द्वारा आयोजित बॉम्बे गोल्ड कप में हिस्सा लिया। जल्द ही वे राष्ट्रीय टीम में चुने गए और 1971 में उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
उनके परिवार में दो बेटियां – फ्रेशिना प्रवीण और फेनीला टिनू थॉमस – हैं।
मैनुअल फ्रेडरिक के निधन से भारतीय खेल जगत ने एक सच्चे समर्पित खिलाड़ी को खो दिया है। हॉकी समुदाय और उनके प्रशंसक उन्हें हमेशा उनकी खेल भावना, समर्पण और देश के लिए किए गए योगदान के लिए याद रखेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे