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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और देश के अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे, शराब, नशीले पदार्थ या मुफ्त उपहार देने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए देश की एजेंसियों को इसे रोकने के लिए आदेश जारी किया है। आयोग ने बताया कि इस संबंध में राज्य की सभी जांच और प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी किए गए हैं ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।
आयोग ने इसके लिए पुलिस विभाग, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग, आयकर विभाग, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू-इंड), आरबीआई, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी), राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय और राज्य जीएसटी विभाग, सीमा शुल्क, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), डाक विभाग, राज्य वन विभाग और राज्य सहकारी विभाग को निर्देशित किया है।
आयोग ने बताया कि चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च पर नजर रखने के लिए व्यय पर्यवेक्षक पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं। ये अधिकारी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंचकर उड़न दस्तों, निगरानी टीमों और वीडियो निगरानी दलों के साथ तालमेल से काम कर रहे हैं। इन सभी इकाइयों को 24 घंटे सतर्क रहने को कहा गया है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या प्रलोभन की कोशिशों को समय रहते रोका जा सके।
चुनाव आयोग ने जब्ती से जुड़ी कार्रवाई को पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए इस बार एक ऑनलाइन प्रणाली 'चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली' (ईएसएमएस) भी शुरू की है। इसके माध्यम से एजेंसियां जब्त की गई नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य सामग्री की जानकारी तुरंत ऑनलाइन भेज रही हैं।
उल्लेखनीय है कि 6 अक्तूबर 2025 को चुनावों की घोषणा के बाद से अब तक विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कुल 33.97 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त उपहार जब्त किए जा चुके हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर