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चेन्नई (तमिलनाडु), 24 अप्रैल (हि.स.)। तमिलनाडु में अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने त्रिची, तंजावुर, वेल्लोर, करूर और अरियालुर के जिला कलेक्टरों को 24 अप्रैल (गुरुवार) को सामने पेश होने के लिए दोबारा बुलाया है।
सूत्रों ने पुष्टि की कि पांच आईएएस अधिकारी ईडी अधिकारियों के सामने पेश होंगे क्योंकि राज्य सरकार ने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की अनुमति दे दी है। जबकि राज्य सरकार ने नवंबर, 2023 में ईडी द्वारा जिला कलेक्टरों को पहले जारी किए गए समन पर रोक लगाने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया, केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसने बदले में राज्य सरकार और आईएएस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
सूत्रों के माध्यम से कहा गया, गुरुवार की पूछताछ के नतीजे के आधार पर यदि आवश्यक हुआ तो मामले से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेज लाने के लिए अधिकारियों को फिर से बुलाया जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में नदी तलों पर अवैध रेत खनन के बारे में चार एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया और रेत खनन ठेकेदारों और व्यापारियों एस रामचंद्रन, के रथिनम, करिकालन और उनके ऑडिटर शनमुगराज से जुड़े 34 स्थानों पर तलाशी ली और सोना, नकदी और जब्त किया।
खनन वाले स्थानों की जांच और अध्ययन के बाद ईडी ने दावा किया कि तमिलनाडु में किए गए रेत खनन का मूल्य राज्य के रिकॉर्ड के अनुसार 36.45 करोड़ रुपये के दर्ज राजस्व के मुकाबले 4,730 करोड़ रुपये था और संबंधित जिला कलेक्टरों से पूछताछ करना चाहता था।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ आर.बी. चौधरी/आकाश