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चेन्नई, 17 मार्च (हि.स.)। मास्टर प्लान को लागू करने के लिए एक सलाहकार समूह के साथ ऑरोविले टाउन डेवलपमेंट काउंसिल (एटीडीसी) की जगह ऑरोविले गवर्निंग बोर्ड द्वारा जारी किए गए स्थायी आदेश को अनुचित मानते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने 2022 में जारी आदेश को रद्द कर दिया है।
पीठ ने कहा कि गवर्निंग बोर्ड के पास मास्टर प्लान को लागू करने के लिए सदस्यों की योग्यता निर्धारित करने के लिए स्थायी आदेश तैयार करने की शक्ति है, लेकिन वह उनका चयन नहीं कर सकता और इसके बजाय, यह रेजिडेंट असेंबली द्वारा किया जाना चाहिए।
पीठ ने आदेश में कहा कि हालांकि, सदस्यों का चयन/नामांकन केवल रेजिडेंट्स असेंबली द्वारा ही किया जा सकता है। किसी विशेष व्यक्ति के नामांकन या चयन को अस्वीकार करना अंततः गवर्निंग बोर्ड की शक्तियों के भीतर हो सकता है।
इसमें ऑरोविले फाउंडेशन अधिनियम की धारा 19 के तहत सलाहकार समूह 'ओवररीच एंड सप्लांट' की स्थापना के लिए स्थायी आदेश के खंडों का उल्लेख किया गया है। कोर्ट ने आगे कहा, हम स्थायी आदेश अधिनियम के दायरे से बाहर है।
स्थायी आदेश को रद्द करते हुए, पीठ ने कहा, हालांकि, यह फाउंडेशन के लिए अपने गवर्निंग बोर्ड के माध्यम से अधिनियम के प्रावधान और यहां की गई टिप्पणियों के अनुरूप नए नियम बनाने के लिए प्रावधान मौजूद है।
मास्टर प्लान को 2001 में फाउंडेशन के गवर्निंग बोर्ड और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/आरबी चौधरी/वीरेन्द्र