पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण: भारत की बौद्धिक अस्मिता का संकल्प
- डॉ. सत्यवान सौरभ भारत ऐसा देश है जिसकी पहचान उसकी सभ्यता और सांस्कृतिक परंपरा से होती है। यहाँ हजारों वर्षों से ज्ञान की धारा निरंतर बहती रही है। वेदों और उपनिषदों से लेकर आयुर्वेद, गणित, खगोल, साहित्य और संगीत तक, हमारी पांडुलिपियों ने विश्व को व

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