जोधपुर, 16 सितम्बर (हि.स.)। पौराणिक मान्यता के चलते हिंदू धर्मावलंबी पूर्वजों की मुक्ति एवं शांति के लिए श्राद्ध पक्ष में उनके निधन की तिथि के दिन तर्पण और पिंडदान करते हैं। लंकापति रावण की भगवान श्रीराम के साथ युद्ध में दशमी के दिन मृत्यु हुई थी। ऐस
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