सीआईएसएफ के अधिकारियों-जवानों ने स्कूली छात्राओं से रक्षा सूत्र बंधवा कर दिया रक्षा का वचन
जयपुर, 8 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शुक्रवार को जयपुर के आमेर में कुंडा के पास स्थित सीआईएसएफ की आठवीं बटालियन में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। बटालियन के कमांडर वरिष्ठ
सीआईएसएफ के अधिकारियों-जवानों ने स्कूली छात्राओं से रक्षा सूत्र बंधवा कर दिया रक्षा का वचन


सीआईएसएफ के अधिकारियों-जवानों ने स्कूली छात्राओं से रक्षा सूत्र बंधवा कर दिया रक्षा का वचन


जयपुर, 8 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शुक्रवार को जयपुर के आमेर में कुंडा के पास स्थित सीआईएसएफ की आठवीं बटालियन में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। बटालियन के कमांडर वरिष्ठ कमांडेंट बीआर ढाका की अगुवाई में सीआईएसएफ के अधिकारियों और जवानों ने स्कूली छात्राओं और ब्रह्मकुमारी बहनों से रक्षा सूत्र बंधवाकर रक्षा का वचन दिया। स्कूली छात्राओं ने सीआईएसएफ के अधिकारियों और जवानों के तिलक लगाकर राखी बांधी और मिठाई खिलाई। सीआईएसएफ आठवीं बटालियन के अधिकारियों जवानों ने राखी पर प्रेम और सुरक्षा का संकल्प लेकर संदेश दिया कि हर बहन-बेटी की सुरक्षा का प्रण ले। स्कूली छात्राओं और ब्रह्मकुमारी बहनों ने देश की रक्षा करने वाले जवानों अधिकारियों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना की अधिकारियों- जवानों ने बालिकाओं को उपहार भेंट किए। रक्षाबंधन कार्यक्रम में वाहिनी के वरिष्ठ कमांडेंट और अधिकारियों जवानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

वाहिनी के कमांडर वरिष्ठ कमांडेंट बीआर ढाका ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आठवीं आरक्षित वाहिनी जयपुर की ओर से सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह त्यौहार हमारे भारतीय संस्कृति की उन सुंदर परंपराओं में से एक है, जो भाई-बहन के अटूट स्नेह, विश्वास और एक-दूसरे की सुरक्षा के वचन को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है। आठवीं आरक्षित वाहिनी जयपुर में वाहिनी के नजदीकी विद्यालयों की छात्राओं और संस्था ब्रह्मकुमारी बहनों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया।

वरिष्ठ कमांडेंट ने बताया बताया कि रक्षा बंधन का पावन धागा सिर्फ रेशम का नहीं, बल्कि प्रेम, त्याग, विश्वास और अपनापन का अटूट बंधन है। जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वह न केवल उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है, बल्कि यह भरोसा भी करती है कि भाई हमेशा हर परिस्थिति में उसकी रक्षा और सम्मान के लिए खड़ा रहेगा। उन्होंने बताया कि आज के समय में रक्षा बंधन का संदेश केवल भाई-बहन के रिश्तों तक सीमित नहीं है। यह पर्व हमें समाज में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समान अधिकार सुनिश्चित करने की प्रेरणा देता है। हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम न केवल अपने परिवार की बहन-बेटियों की, बल्कि समाज की हर महिला की सुरक्षा के लिए तत्पर रहेंगे।

रक्षा बंधन हमें यह भी सिखाता है कि सच्ची रक्षा केवल शारीरिक सुरक्षा नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक सहयोग भी है। हमें ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जिसमें बेटियाँ, बहनें और महिलाएँ निडर होकर अपने सपनों को पूरा कर सकें। आप सभी को प्रेम, विश्वास और भाईचारे से भरे रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश