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उदयपुर, 6 अगस्त (हि.स.)। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने संसद में नियम 377 के तहत अपने उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की नदियों को आपस में जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र मुख्यतः पहाड़ी है, जहां से कई छोटी-बड़ी नदियां निकलकर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर बहती हैं। इन नदियों को जोड़ा जाए तो जल संरक्षण, सिंचाई सुविधा और पेयजल आपूर्ति जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान मिल सकता है। इसके लिए एक सुविचारित जल संसाधन योजना की आवश्यकता है।
डॉ. रावत ने कहा कि उदयपुर क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत अनुकूल है, जहां औसतन 90 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है। यहां की अनुपयोगी राजकीय चारागाह और वनभूमि पर आम, चीकू, गोंदी, करौंदा जैसे बहुउपयोगी वृक्षों का रोपण किया जा सकता है। इससे हरित आच्छादन और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि लघु वन उपज के माध्यम से जनजातीय समुदाय को रोजगार और आय के नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी आजीविका सशक्त होगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उदयपुर क्षेत्र के लिए जल, वन एवं पर्यावरणीय संतुलन पर आधारित विशेष एकीकृत योजना बनाई जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता