कृषि बढ़ती है, तभी देश आगे बढ़ता है: राज्यपाल बागडे
कृषि बढ़ती है,तभी देश आगे बढ़ता है: राज्यपाल बागडे


कृषि बढ़ती है,तभी देश आगे बढ़ता है: राज्यपाल बागडे


जयपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि कृषि बढ़ती है, तभी देश आगे बढ़ता है। खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता से विदेशी मुद्रा बचती है और कृषि आधारित उद्योग धंधे भी तेजी से पनपते हैं। इसलिए कृषि क्षेत्र के विकास में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजते हुए तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

राज्यपाल बागडे मंगलवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से राजस्थान कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित प्रगतिशील किसान संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बागडे ने कहा कि आजादी के समय देश की आबादी 36 करोड़ थी। इनके लिए पर्याप्त अन्न नहीं था। विदेशों से खाद्यान्न मंगवाना पड़ता था। तब देश के अन्नदाताओं ने मेहनत कर लोगों का पेट भरा। वर्तमान में आबादी 147 करोड़ हो चुकी है। कृषि भूमि भी कम हुई है लेकिन देश में कृषि क्षेत्र ने तेजी से विकास किया। अन्नदाताओं ने इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उत्पादन बढ़ाया। इसी के परिणामस्वरूप देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है। आने वाले समय में चुनौतियां बढ़ेंगी। इसलिए कृषि क्षेत्र में नवीन शोध और उन्नत तकनीक पर निरंतर काम करने की आवश्यकता है।

भारत के पुरातन ज्ञान को कम नहीं आंके

राज्यपाल बागडे ने कहा कि भारत की पुरातन ज्ञान संपदा अतुलनीय है। हर विषय पर यहां बहुत पहले ही शोध कार्य हो चुके हैं। उन्होंने कृषि क्षेत्र में चक्रपाणि मिश्र की पुस्तक 'विश्व वल्लभ' का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने खेत, सिंचाई की तकनीकों पर सदियों पहले ही लिख दिया है।

शिक्षा वहीं जो हर चुनौती का सामना करना सिखाए—

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ अंक लाना नहीं है। शिक्षा का सीधा संबंध बौद्विक क्षमता विकास से है। सच्ची शिक्षा वहीं है, जो विद्यार्थी को हर चुनौती का सामना करने के योग्य और समाधान करने में सक्षम बनाए। श्री बागडे ने स्वामी विवेकानंद, झांकी की रानी और वीरबाला कालीबाई का उदाहरण देते हुए कहा कि क्षमता, सामर्थ्य और भाव आयु के मोहताज नहीं होते। इन विभूतियों ने अल्प वय में जो भाव दिखाए, वह वंदनीय हैं।

पेड़ लगाओ, पानी बचाओ—

बागडे ने कहा कि राजस्थान में गर्मी कम करनी है और बारिश बढ़ानी है तो पेड़ लगाने होंगे। उन्होंने पानी बचाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांव का पानी गांव में रहेगा तो खेती स्वतः ही बढेगी।

इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराया।

महाराणा प्रताप को पुष्पाजंलि, प्रताप शोध पीठ प्रदर्शनी का अवलोकन—

राज्यपाल बागडे ने राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर शृद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया, साथ ही तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से संचालित महाराणा प्रताप शोध पीठ की गतिविधियों को दर्शाती प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, साथ ही महाविद्यालय के संस्थापक ए. राठौड़ की प्रतिमा पर भी पुष्पाजंलि अर्पित की।

कॉफी टेबल बुक का विमोचन

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल बागडे ने मोटे अनाज की नवीनतम किस्मों सहित अन्य उपयोग जानकारियों को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित की गई कॉफी टेबल बुक 'दी मिलेट्स स्टोरी' का विमोचन किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश