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नई दिल्ली, 4 अगस्त (हि.स.)। भारतीय तीरंदाजी को नई उड़ान देने के लिए आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई) ने सोमवार को देश की पहली फ्रेंचाइज़ी आधारित आर्चरी लीग की घोषणा की। यह लीग भारत ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर तीरंदाजी को एक नया पेशेवर मंच प्रदान करेगी, जिसमें भारत और विदेश के शीर्ष रिकर्व और कंपाउंड तीरंदाज़ भाग लेंगे।
लीग का उद्देश्य भारतीय तीरंदाजों को ओलंपिक जैसे दबाव वाले माहौल में प्रदर्शन करने का अवसर देना है, जिससे उनका आत्मविश्वास और अनुभव दोनों बढ़े। छह फ्रेंचाइज़ी टीमों में बंटे इन खिलाड़ियों के बीच मुकाबले दिल्ली के यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अक्टूबर में 11 दिनों तक खेले जाएंगे। प्रतियोगिता में रिकर्व तीरंदाज़ 70 मीटर और कंपाउंड तीरंदाज़ 50 मीटर की दूरी से, फ्लडलाइट्स में निशाना लगाएंगे—जो विश्व तीरंदाजी में पहली बार देखा जाएगा।
एएआईअध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने कहा, “यह केवल एक लीग नहीं है, बल्कि उन हजारों ग्रामीण तीरंदाजों का सपना है, जो वर्षों से एक बड़े मंच की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह मंच उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपने हुनर को दिखाने का अवसर देगा।”
एएआईके महासचिव वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा, “भारतीय तीरंदाज़ों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार देश का नाम रोशन किया है। क्रिकेट और कबड्डी जैसी लीगों से प्रेरणा लेकर हमने यह आर्चरी लीग शुरू की है, जो खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की तैयारी के लिए मदद करेगी।”
वर्ल्ड आर्चरी के महासचिव टॉम डीलन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह लीग भारतीय और अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज़ों को प्रतिस्पर्धी वातावरण में खुद को बेहतर करने का शानदार अवसर देगी।”
इस लीग को वर्ल्ड आर्चरी, वर्ल्ड आर्चरी एशिया और भारत सरकार के खेल मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। आयोजकों का लक्ष्य है कि यह लीग भारत को तीरंदाजी के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे