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मुंबई/नई दिल्ली 02 अगस्त (हि.स)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को अमेरिका द्वारा भारत पर 25 फीसदी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा के बीच मुंबई में भारत के कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और समुद्री खाद्य क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इन उद्योगपतियों के साथ विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री गोयल ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि भारत के कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और समुद्री खाद्य क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ एक आकर्षक और दूरदर्शी बातचीत हुई है, यह हमारे खाद्य और पोषण सुरक्षा के सच्चे निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि इस बातचीत में हमने खाने के लिए तैयार कृषि उत्पादों से लेकर प्रसंस्कृत समुद्री खाद्य उत्पादों तक मूल्यवर्धित निर्यात को बढ़ाने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़े।
पीयूष गोयल ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि हमने बातचीत के दौरान वैश्विक बाजारों तक पहुंच में सुधार, रसद को मजबूत करने और उनके प्रयासों का उचित मूल्य सुनिश्चित करके किसानों और मछुआरों को सशक्त बनाने के अपने सामूहिक संकल्प की पुष्टि की। इससे पहले वाणिज्य मंत्री ने इंजीनियरिंग सामान क्षेत्र के उन अग्रणी लोगों के साथ बातचीत की, जो हमारे देश में सटीकता, प्रदर्शन और प्रगति के क्षेत्र में अग्रणी रूप से जुड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम सब मिलकर एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं, जो आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करे और दुनिया के लिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे। गोयल ने कहा कि सरकार भारत को एक वैश्विक इंजीनियरिंग केंद्र बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके अलावा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने मुंबई में प्रमुख इस्पात उत्पादकों के साथ एक सार्थक संवाद आयोजित किया। उन्होंने बताया कि इस बैठक में उन्नत तकनीक अपनाने, रसद लागत कम करने, लौह अयस्क उत्पादन बढ़ाने और हमारे एमएसएमई को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका का विस्तार करने जैसे विचारों पर ध्यान केंद्रित किया गया। पीयूष गोयल ने कहा कि एक लचीले और भविष्य के लिए तैयार इस्पात उद्योग के निर्माण हेतु एक सहयोगात्मक रोडमैप की आशा है।
पीयूष गोयल 2 से 4 अगस्त तक मुंबई में इंजीनियरिंग और रसायन सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख निर्यातकों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे अमेरिका द्वारा घोषित 25 फीसदी टैरिफ के प्रभावों पर चर्चा भी करेंगे। वाणिज्य मंत्री के साथ होने वाली इन बैठकों में मत्स्य पालन, आईटी, फार्मा और इंजीनियरिंग क्षेत्र के निर्यातक भाग लेंगे। इसके आलवा वाणिज्य मंत्री चमड़ा क्षेत्र के निर्यातकों के साथ एक अलग से बैठक 4 अगस्त को नई दिल्ली में करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने भारतीय पर 25 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया है, जो 7 अगस्त से प्रभावी होगा। इससे अमेरिकी बाजार में देश के 86 अरब डॉलर के निर्यात का लगभग आधा हिस्सा प्रभावित हो सकता है। वहीं, शेष आधा हिस्सा, जिसमें दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं, अभी भी इसके प्रभाव से मुक्त हैं। हालांकि, भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त को भारत में होने वाली है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर