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हमीरपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह ने कहा है कि पशुपालन जैसे पारंपरिक क्षेत्र में आज भी रोजगार के अपार अवसर मौजूद हैं। इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का समावेश कर न केवल ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त किया जा सकता है, बल्कि युवाओं को भी स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जा सकता है।
गुरुवार को पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिकीकरण की संभावनाओं को लेकर आयोजित एक कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में राज्य स्तर पर एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जाएगी। जिला हमीरपुर से भी इस योजना हेतु संभावित सुझाव व प्रस्ताव सरकार को प्रेषित किए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पशु चिकित्सा से संबंधित आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण, पशुओं की नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादों के बेहतर विपणन, दुग्ध सहकारी सभाओं के गठन, चारे की समस्या के स्थायी समाधान, पशु चारे की फसलों की खेती और पौधारोपण, आधुनिक मशीनों के उपयोग तथा युवाओं को इस क्षेत्र में जोड़ने जैसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर एक समग्र रिपोर्ट तैयार करें।
उन्होंने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट में कृषि, बागवानी, वन, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, जल शक्ति, उद्योग, सहकारिता विभाग, मिल्क फैडरेशन समेत अन्य विभागों का सहयोग लिया जाए। साथ ही स्वयं सहायता समूहों, गौसदनों के संचालकों और आम पशुपालकों के सुझाव भी शामिल किए जाएं।
कार्यशाला में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. देवेंद्र कतना ने जिला में पशुपालन की वर्तमान स्थिति, संभावनाओं और विभागीय सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा