Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जम्मू, 30 जुलाई (हि.स.)। शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर इकाई ने आज विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर स्कूली छात्रों के सहयोग से बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों में तय मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की एवं एक जागरूकता मार्च निकाला।
पार्टी राज्य प्रमुख मनीष साहनी के नेतृत्व में शिवसैनिकों और इंटरनेशनल डीपीएस स्कूल के छात्रों ने स्टे अलर्ट स्टे सेफ सेफ्टी नाक-चाइल्डहुड राक सुरक्षित बच्चे-सुरक्षित राष्ट्र '
आदि प्लेकार्ड पकड़ जम्मू प्रैस क्लब से तवी पुल स्थित महाराजा हरिसिंह प्रतिमा स्थल तक मार्च निकाला।
साहनी ने शिक्षा क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरिसिंह के क्रांतिकारी बदलावों को याद करते हुए कहा कि 1930 में 6-14 वर्ष के आयु वर्ग में निशुल्क एवं अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का प्रविधान राज्य में लागू किया था।
साहनी ने कुछ चौंकाने वाले आँकड़े साझा करते हुए बताया कि 2018 से 2022 तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 5,400 से ज़्यादा बच्चे लापता हुए हैं।
साहनी ने छात्रों की सुरक्षा को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए स्कूली वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य करने को लेकर 2018 में जारी माननीय उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों की याद दिलाई।
उन्होंने कहा कि अधिकांश स्कूलों द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किया गया है।
इन दिशानिर्देशों का पालन करने में अग्रणी आईडीपीएस है जो सुरक्षा का संदेश फैलाने के लिए आज मार्च का हिस्सा भी है।
दूसरी ओर शहर के दूरदराज, सीमावर्ती क्षेत्रों सहित कुछ स्कूलों द्वारा उक्त सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी हो रही हैं और प्रशासन भी इसका कोई कड़ा संज्ञान नहीं ले रहा है।
वहीं कुछ स्कूलों ने परिवहन व्यवस्था को आउटसोर्स कर रखा है, जो खुलेआम सभी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं। साहनी ने कहा कि इससे सुरक्षा के साथ अपने लाडलों के सुरक्षित धर लौटने तक अभिभावकों का मानसिक तनाव बढ़ जाता है। साहनी ने स्कूली वाहनों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक उपचार जैसी सुरक्षा सुविधाओं पर कड़ा ध्यान देने और निजी वाहनों के उपयोग के लिए सख्त नियमों की मांग के साथ लापरवाही के मामले में भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की वकालत की है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता