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बांदा, 29 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा मे एक वृद्ध की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश चंद्रपाल द्वितीय की अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने गांव के पूर्व प्रधान सहित दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 12-12 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह मामला बिसंडा थाना क्षेत्र के अकौना गांव का है। गांव की निवासी गीता ने 26 मार्च 2014 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 25 मार्च की रात जब वह घर में सो रही थी, तभी करीब रात 12 बजे एक व्यक्ति उसके कमरे में घुस आया। शोर सुनकर उसके ससुर, 65 वर्षीय बंधुआ जाग गए और विरोध करने लगे। इसी दौरान हमलावर ने वृद्ध की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया।
घटना के बाद गांव के लोग और तत्कालीन ग्राम प्रधान बिंदा प्रसाद मौके पर पहुंचे। मामले की जांच कर रहे थानाध्यक्ष प्रकाश सिंह ने 20 अप्रैल 2014 को पूर्व प्रधान बिंदा प्रसाद को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक तमंचा और दो कारतूस भी बरामद हुए। विवेचना में रामबाबू का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। मामले में 24 जुलाई 2014 को आरोप तय हुए। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल आठ गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोष सिद्ध होने पर बिंदा प्रसाद और रामबाबू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यह फैसला करीब 11 साल पुराने मामले में आया है, जिससे पीड़ित परिवार को आंशिक न्याय मिला है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह