समय पर काम नहीं करने वाले संवेदकों के खिलाफ करें कार्रवाई : सचिव
समय पर काम नहीं करने वाले संवेदकों के खिलाफ कार्रवाई करें: प्रधान सचिव


खूंटी, 29 जुलाई (हि.स.)। जल जीवन मिशन (हर घर जल) के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय (बालिका), खूंटी के सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया, पंचायत सचिव और जल सहिया के साथ मंगलवार को संवाद कार्यक्रम आयोजित कियाा।

कार्यक्रम में प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड मस्त राम मीणा और अभियान निदेशक, जल जीवन मिशन, झारखंड रमेश घोलप शामिल हुए।

मौके पर उपायुक्त आर रॉनिटा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और अन्य के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी और जल जीवन मिशन के संचालन के लिए पंचायत स्तर पर सभी हितधारकों की सहभागिता पर बल दिया। कार्यक्रम में प्रधान सचिव मस्त राम मीणा ने ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आवश्यकता और वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले के समय में हमें हर स्रोत से शुद्ध जल प्राप्त होता था, लेकिन रासायनिक उर्वरकों और हाइब्रिड बीजों के उपयोग के कारण जल स्रोत प्रभावित हुए हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर घर तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जल संरक्षण, योजना के सतत रख-रखाव और सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत जरूरी बताते हुए ग्राम स्तर पर समिति गठन, लोगों को जागरूक करने और प्रतिदिन एक रुपए के मामूली शुल्क के संग्रह की व्यवस्था की सलाह दी, ताकि योजना को स्थायित्व प्रदान किया जा सके।

अभियान निदेशक ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के आलोक में खूंटी जिले में 62 प्रतिशत योजना पूर्ण हो गई है और लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जल्द ही शेष योजना पूर्ण होगी। संवाद कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखिया और जल सहिया ने जल जीवन मिशन के तहत अपने क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े लोगों को प्रेरित करने वाले अनुभव साझा किया।

कार्यक्रम के बाद प्रधान सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में वैसे प्रखंड जिनमें योजना का कार्य लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो रहा है, वहां के जूनियर इंजीनियर और संबंधित पदाधिकारियों से रिपोर्ट लेते हुए उन्हें गंभीरता से दायित्व निर्वहन करने एवं समयबद्ध पूर्णता के निर्देश दिया गया।

प्रधान सचिव ने कहा कि जो संवेदक समय पर कार्य पूर्ण नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। अभियान निदेशक ने एफएचटीसी, वीडब्ल्यूएससी, जल सहिया द्वारा जल गुणवत्ता परीक्षण, जियो टैगिंग, छूटे हुए घरों को योजना से जोड़ने और विलेज वाटर एवं सेनिटेशन कमिटी के गठन जैसे बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में टैप वाटर सप्लाई की व्यवस्था की जाए, जहां टैप वाटर नहीं है वहां तत्काल सुधार किया जाए। एसवीएस और आरएमएस की मैपिंग, पीएम गतिशक्ति योजना तथा ग्रीवांस रिड्रेसल से जुड़ी शिकायतों का शीघ्र समाधान करने को भी कहा गया।

कार्यक्रम में मुख्य अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड, कार्यपालक अभियंता, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, जेई सहित अन्‍य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा