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द्रास, 26 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रियों ने शनिवार को द्रास में सैकड़ों युवाओं, कैडेटों और स्थानीय लोगों के साथ 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भीमभट्ट के ओल्ड हॉर्स पोलो ग्राउंड में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने युवा भारत, एनसीसी और एनएसएस के युवा स्वयंसेवकों के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज के छात्रों को संबोधित किया। उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और एलएएचडीसी कारगिल के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद जाफर अखून भी थे।
डॉ. मंडाविया ने युवाओं से राष्ट्र प्रथम की भावना से प्रेरित एक मजबूत और विकसित भारत के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने की अपील की। टाइगर हिल की अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ठंडी ऊंचाइयों पर पहरा देते हुए एक युवा सैनिक प्रतिबद्धता और देशभक्ति का सच्चा प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हम कभी संघर्ष शुरू नहीं करते लेकिन अगर उकसाया जाता है तो भारत साहस और गरिमा के साथ जवाब देना जानता है।
मंत्री संजय सेठ ने भी सभा को संबोधित किया और युवाओं की ऊर्जा और सशस्त्र बलों के बलिदान की सराहना की। उन्होंने छात्रों को कारगिल वीरों की विरासत से प्रेरित होकर अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव के साथ जीने के लिए प्रोत्साहित किया।
शहीद नायक महादेव नामदेव पाटिल की बहन सुरेखा महदुकर पाटिल और उनके पति ने हिमाबास स्कूल से कारगिल विजय दिवस पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्रद्धांजलि मार्च में 1,000 से अधिक छात्रों, पूर्व सैनिकों और नागरिकों ने भाग लिया।
कारगिल युद्ध स्मारक पर गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में समारोह जारी रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह