बर्खास्त आव्रजन न्यायाधीश लड़ेंगे कानूनी लड़ाई, ट्रंप प्रशासन पर लगाया पक्षपात और राजनीतिक द्वेष का आरोप
पूर्व मुख्य आव्रजन न्यायाधीश जेनिफर पेटन


शिकागो, 26 जुलाई (हि.स.)। अमेरिका में आव्रजन न्यायालयों से जुड़े कई न्यायाधीश, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा बर्खास्त किया गया है, अब सामने आकर अपनी लड़ाई लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। ये न्यायाधीश अब अपील कर रहे हैं, कानूनी कार्रवाई की राह पर हैं और सार्वजनिक रूप से प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार पद संभालने के बाद से अब तक 50 से अधिक आव्रजन न्यायाधीशों को उनके पद से हटाया जा चुका है। इनमें वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी से लेकर हाल ही में नियुक्त हुए न्यायाधीश भी शामिल हैं। आमतौर पर न्यायाधीश सख्त आचार संहिता के तहत सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचते हैं, लेकिन इस बार कई न्यायाधीश खुलकर प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं और इसे ‘अवैध बर्खास्तगी’ बता रहे हैं।

पूर्व मुख्य आव्रजन न्यायाधीश जेनिफर पेटन ने कहा है कि वो अपने काम से बेहद जुड़ी हुई थी और उसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन उनके छुट्टियों पर होने के दौरान तीन पंक्तियों की एक चिट्ठी के जरिए बर्खास्त कर दिया गया। प्रशासन की तरफ से अब तक कारण भी नहीं बताया गया है।

2016 में नियुक्ती पाने वाली पेटन ने बताया कि उन्हें अनुकरणीय कार्य मूल्यांकन मिले थे और उनके खिलाफ कभी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस फैसले के पीछे राजनीतिक द्वेष, महिला विरोध और एक डेमोक्रेटिक सीनेटर को दी गई अदालत-यात्रा को जिम्मेदार ठहराया।

सीनेटर डिक डर्बिन, जिन्हें पेटन ने जून में आव्रजन न्यायालय का दौरा कराया था, ने इस बर्खास्तगी को सत्ता का दुरुपयोग बताया है।

एक अन्य न्यायाधीश कार्ला एस्पिनोसा को भी इसी महीने हटाया गया, जब वो एक फैसले की घोषणा कर रही थीं। एस्पिनोसा के अनुसार, यह कार्रवाई नस्लीय और लैंगिक भेदभाव पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जिन न्यायाधीशों को हटाया गया उनमें बड़ी संख्या महिलाओं और लैटिन समुदाय से आने वाले नामों की है।

एस्पिनोसा के मुताबिक, उनके खिलाफ कार्रवाई की एक वजह वह फैसला भी हो सकता है कि जिसमें उन्होंने एक ऐसे मैक्सिकन प्रवासी को रिहा किया था, जिस पर ट्रंप की हत्या की धमकी देने का झूठा आरोप था। हालांकि बाद में पता चला कि वह व्यक्ति किसी साजिश का शिकार हुआ था।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ प्रोफेशनल एंड टेक्निकल इंजीनियर्स यूनियन के प्रमुख मैट बिग्स ने कहा, “जो न्यायाधीश अब भी अपनी कुर्सी पर हैं, वे बेहद डरे हुए और अनिश्चितता में हैं।”

दूसरी ओर, अमेरिकी न्याय विभाग की आव्रजन समीक्षा शाखा (ईओआईआर) की ओर से इन बर्खास्तगियों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देश में करीब 600 आव्रजन न्यायाधीश हैं, जबकि 3.5 मिलियन से अधिक मामलों का बैकलॉग है। ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीति के तहत ये न्यायालय लगातार दबाव में हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय