तमिलनाडु में बंगाल के चार प्रवासी मजदूरों पर हमला, भाषा के आधार पर प्रताड़ना का आरोप
तमिलनाडु में बंगाल के चार प्रवासी मजदूरों पर हमला, भाषा के आधार पर प्रताड़ना का आरोप


कोलकाता, 25 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के चार प्रवासी मजदूरों ने तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में स्थानीय लोगों द्वारा मारपीट किए जाने का आरोप लगाया है। पीड़ितों का कहना है कि बंगाली भाषा में बात करने काे लेकर उन्हें अवैध बांग्लादेशी समझकर हमला किया गया। यह घटना 15 जुलाई को घटी थी और इस संबंध में 18 जुलाई को मुर्शिदाबाद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

परिवार के लोगों ने शुक्रवार को बताया कि सुझन शेख, उनके भाई मिलन शेख और दो अन्य मजदूर साहिल शेख और बाबू शेख तीन सप्ताह पहले काम की तलाश में चेन्नई गए थे। चारों वहां एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे।

सुझन शेख ने फोन पर बताया कि कुछ स्थानीय लोग आए, हमसे नाम और मूल स्थान पूछा। जब उन्होंने हमें बंगाली में बात करते सुना, तो लाठी और लोहे की रॉड से मारने लगे। बार-बार कह रहे थे कि हम बांग्लादेशी हैं। हमले में सुझन शेख के हाथ में फ्रैक्चर हाे गया है और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। चारों मजदूरों को पहले तिरुवल्लूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका यह भी आरोप है कि चेन्नई की स्थानीय पुलिस को पहले सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ितों ने बताया कि वे पिछले चार वर्षों से काम के लिए चेन्नई जाते रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटना पहली बार हुई है। सुझन ने कहा कि हम अभी भी सदमे में हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि घटना से पहले उन्हें 11 दिन के काम का भुगतान भी नहीं किया गया।

मुर्शिदाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है और बताया है कि वे तमिलनाडु पुलिस के संपर्क में हैं। यह घटना उस समय सामने आई है जब बंगाल में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो रही है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में हरियाणा, राजस्थान और ओडिशा जैसे राज्यों में बंगालियों के साथ भेदभाव और प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वैध दस्तावेज होने के बावजूद कई बंगालियों को परेशान किया जा रहा है या उन्हें बांग्लादेशी कहकर सीमा पार भेजा जा रहा है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री के आरोपों को बेबुनियाद डर फैलाने वाला बताया था।

मालदा, उत्तर दिनाजपुर और मुर्शिदाबाद जैसे सीमावर्ती जिलों से हर साल बड़ी संख्या में मजदूर तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में निर्माण, वस्त्र और आतिथ्य सेवाओं में काम करने जाते हैं।-----------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर