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- दो दिन के भीतर सेंसेक्स में 1,263 अंक और निफ्टी में 382 अंक से अधिक की गिरावट
नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। लगातार दो दिन घरेलू शेयर बाजार गिरने के कारण सेंसेक्स 1,263 अंक और निफ्टी 382 अंक से अधिक टूट चुके हैं। इसी तरह बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी दो दिन में ही 8.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमी आ गई है। इस गिरावट के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली, ग्लोबल मार्केट के कमजोर संकेत और कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी समेत सात वजहों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में आज के कारोबार की शुरुआत होने के पहले से ही एशिया के दूसरे बाजारों में गिरावट का रुख बना हुआ था। चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, जापान के निक्केई इंडेक्स और हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स बड़ी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इसके साथ ही अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों के पिछले सत्र के मिले-जुले संकेत की वजह से भी बाजार में लगातार अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी। इस अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने नई पोजीशन लेने की जगह बाजार में बिकवाली करके अपने पैसे को सुरक्षित करना ज्यादा बेहतर समझा। इस बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव बढ़ता चला गया।
प्रशांत धामी के अनुसार बाजार की गिरावट के लिए विदेशी निवेशकों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रही। इस सप्ताह विदेशी निवेशक लगातार सेलर की भूमिका में नजर आए। सिर्फ गुरुवार को ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2,133.69 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। अगर सोमवार से गुरुवार की बात करें, तो इन चार दिनों में एफआईआई 11,572 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। शुक्रवार को भी विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार बिकवाली करते रहे। विदेशी निवेशकों द्वारा आज की गई बिकवाली का आंकड़ा सामने आने के बाद पूरे सप्ताह के दौरान की गई बिकवाली का कुल आंकड़ा और बढ़ जाएगा। विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार की गई बिकवाली की वजह से भी मार्केट का सेंटीमेंट खराब हुआ, जिसने अंततः सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई।
इसी तरह कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी ने भी आज घरेलू शेयर बाजार पर दबाव की स्थिति बना दी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल आज 0.62 प्रतिशत उछल कर 69.84 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया। तेल की कीमत में आई तेजी से भारत के इंपोर्ट बिल में बढ़ोतरी होने की आशंका भी बन गई है। इसकी वजह से मार्केट सेंटीमेंट्स भी कमजोर हुए, जिसने स्टॉक मार्केट को गिराने में अहम भूमिका निभाई।
शेयर बाजार की गिरावट के लिए श्रीकांत चौहान भारत और अमेरिका के बीच होने वाले प्रस्तावित ट्रेड डील को अंतिम रूप देने में हो रही देरी को भी एक बड़ी वजह मानते हैं। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेड डील को लेकर बात चल रही है। कई बार इस बात के संकेत भी दिए गए कि डील लगभग फाइनल हो चुकी है, लेकिन अभी तक इस पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने आखिरी सहमति नहीं दी है। अमेरिका पिछले कुछ दिनों के दौरान वियतनाम, जापान और इंडोनेशिया समेत कई एशियाई देशों के साथ हुई ट्रेड डील का ऐलान कर चुका है, लेकिन भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता लगातार बनी हुई है, जिससे विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
इस संबंध में खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना का कहना है कि स्टॉक मार्केट की आज की कमजोरी में बजाज फाइनेंस के कमजोर तिमाही नतीजे ने भी बड़ी भूमिका निभाई। कमजोर तिमाही नतीजे के कारण बजाज फाइनेंस के शेयर आज 6 प्रतिशत तक की गिरावट का शिकार हो गए थे। हालांकि अंत में ये शेयर 4.71 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुए। बजाज फाइनेंस के शेयरों में आई इस बड़ी गिरावट ने घरेलू और छोटे निवेशकों के सेंटीमेंट पर निगेटिव असर डाला। इस वजह से विदेशी संस्थागत निवेशकों की तर्ज पर ही छोटे निवेशकों ने भी आज जमकर बिकवाली की।
रवि चंदर खुराना का कहना है कि शेयर बाजार के निवेशकों के मन में बने डर और घबराहट का संकेत देने वाले इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स (इंडिया वीआईएक्स) में आज 7 प्रतिशत की तेज उछाल दर्ज की गई। इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स आज उछल कर 11.43 अंक के स्तर पर पहुंच गया। आपको बता दें कि वोलैटिलिटी इंडेक्स में आई तेजी इस बात का संकेत देती है कि निवेशक फिलहाल बाजार में जोरदार उतार चढ़ाव की आशंका से डरे हुए हैं। इस इंडेक्स की तेजी के कारण भी कई निवेशकों ने बाजार से बाहर निकालने में ही भलाई समझी, जिसका असर अंततः स्टॉक मार्केट की गिरावट के रूप में नजर आया।
इसके साथ ही बाजार की गिरावट की एक वजह डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में आई कमजोरी भी रही। आज शुरुआती कारोबार के दौरान ही डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे टूट कर 86.63 के स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि बाद में भारतीय मुद्रा 10 पैसे की कमजोरी के साथ 86.52 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई। मुद्रा बाजार में आई गिरावट से भी स्टॉक मार्केट के सेंटीमेंट्स पर निगेटिव असर पड़ा।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक