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काठमांडू, 18 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के पूर्व मंत्री आफताब आलम को कई लोगों को जिंदा जलाने के आरोप में जिला अदालत से आजीवन कारावास की सजा को हाई कोर्ट ने रद्द करते हुए सभी आरोपों से बरी करने का फैसला किया था।
हाई कोर्ट के इस फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। नेपाल सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए जिला अदालत के फैसले को लागू करने की मांग की है।
आफताब आलम सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं में से एक है और पार्टी अध्यक्ष शेर बहादुर देउवा के बेहद करीबी माना जाता है। हाई कोर्ट द्वारा रिहाई के फैसले पर देउवा ने प्रसन्नता व्यक्त की थी। हालांकि यह फैसला देने वाले हाईकोर्ट के दोनों जजों को न्याय परिषद ने निलंबित कर दिया है।
नेपाल सरकार के अटॉर्नी जनरल के प्रवक्ता सूर्यराज दहाल ने बताया कि 23 लोगों को ईंटे की भट्टी में झोंक कर हत्या किए जाने का प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद हाई कोर्ट ने आरोपित को सभी आरोपों से मुक्त कर न्याय के सिद्धांत के विपरीत कार्य किया है।
2015 में हुए पहले संविधान सभा चुनाव के दौरान आफताब आलम के लिए बूथ कब्जा के लिए बिहार से बुलाए गए 23 लोगों की खुद ही बम बनाए जाने के क्रम में विस्फोट होने से सभी घायल हो गए थे।
मतदान से एक दिन पूर्व ही हुए इस घटना को छिपाने के लिए आफताब आलम के निर्देश पर इन सभी 23 घायल लोगों को ट्रैक्टर पर लाद कर आलम के द्वारा ही संचालित ईंट भट्टी में जिंदा ही झोंक कर उन सभी की हत्या कर दी गई थी। मारने वाले दो नेपाली नागरिक थे जबकि बाकी सभी भारतीय नागरिक थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास