Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मीरजापुर, 15 जुलाई (हि.स.)। विन्ध्य विकास परिषद की ओर से पंडा समाज के सदस्यों का पंजीकरण एवं चुनाव कराने की प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। मंगलवार से शुरू हुए पंजीकरण फार्म और शपथ पत्र वितरण के साथ ही समाज में असंतोष फैल गया। शपथ पत्र के उस प्रारूप पर आपत्ति जताई जा रही है, जिसमें यह शर्त रखी गई है कि सदस्य के विरुद्ध मीरजापुर जिले सहित देश के किसी भी थाने में कोई भी मुकदमा न दर्ज हो और न ही विचाराधीन हो। इस शर्त को लेकर पंडा समाज के लोगों ने नाराजगी जताई और इसे अव्यवहारिक बताया। उनका कहना है कि ऐसे कई परिवार हैं, जिनमें किसी न किसी सदस्य के विरुद्ध कोई न कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन है। क्या इसका मतलब यह है कि वे समाज की प्रक्रिया से बाहर कर दिए जाएंगे? श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नगर मजिस्ट्रेट से मिलकर इस मुद्दे पर आपत्ति दर्ज कराई। नगर मजिस्ट्रेट ने पूरे मामले को गंभीरता से सुनते हुए जिलाधिकारी से चर्चा कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पंडा समाज के नियमावली के आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मुकदमे तो सांसद-विधायक पर भी होते हैं, शपथ पत्र अन्यायपूर्ण पंडा समाज के लोगों का तर्क है कि देश के सांसद-विधायक तक पर मुकदमे होते हैं, फिर पंडा समाज के लिए इतनी कठोर शर्त क्यों? यदि यह शर्त लागू रहती है तो दर्जनों पुरोहित परिवार नामांकन प्रक्रिया में भाग ही नहीं ले पाएंगे। इस दौरान अध्यक्ष पंकज द्विवेदी के साथ शनि दत्त पाठक, संगम त्रिपाठी, गुंजन मिश्रा और गौतम द्विवेदी आदि मौजूद थे।
दो दिन के भीतर डीएम से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल चर्चा के बाद यह तय हुआ कि आगामी दो दिनों के भीतर पंडा समाज का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिलकर इस मुद्दे पर विस्तृत विमर्श करेगा। समाज के वरिष्ठजनों ने इस शर्त को असंवैधानिक और समाज को विभाजित करने वाला कदम बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि परिषद ने अपनी शर्तें नहीं बदलीं तो विरोध प्रदर्शन का रास्ता भी खुला रखा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा