महाकाल मंदिर परिसर में रील बनाने पुजारी ने जताई कड़ी आपत्ति
उज्जैन, 15 जुलाई (हि.स.)। विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक युवक और युवती द्वारा नाचते हुए रील बनाने और उसे सोशल मीडिया पर साझा करने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही एक अन्य युवती द्वारा मंदिर परिसर में मोबाइल छिपाकर ले जाने का वीडियो भी
महाकालेश्वर मंदिर (फाइल फोटो)


उज्जैन, 15 जुलाई (हि.स.)। विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक युवक और युवती द्वारा नाचते हुए रील बनाने और उसे सोशल मीडिया पर साझा करने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही एक अन्य युवती द्वारा मंदिर परिसर में मोबाइल छिपाकर ले जाने का वीडियो भी वायरल हो रहा है। मंदिर परिसर में रील बनाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कुछ लोग न सिर्फ रील बना रहे हैं, बल्कि चोरी-छुपे मोबाइल अंदर ले जाकर वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। वहीं, कुछ युवतियां अशोभनीय कपड़े पहनकर दर्शन के लिए पहुंच रही हैं। इस पर मंदिर के पुजारी ने कड़ी आपत्ति जताई है।

पिछले कुछ वर्षों में महाकाल मंदिर सहित देश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर रील बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। श्रद्धालुओं की आड़ में कुछ लोग धार्मिक स्थानों पर फिल्मी गानों पर डांस करते हैं, जिससे माहौल की पवित्रता प्रभावित होती है। सावन मास में देशभर से श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक कपल मंदिर के शिखर के ठीक नीचे खड़ा होकर रील बना रहा है। रील में युवक युवती का हाथ पकड़कर कपल डांस करते हुए नजर आ रहा है। आसपास मौजूद श्रद्धालु यह सब देख रहे थे। बाद में कुछ लोगों ने कपल को समझाया और मंदिर में ऐसा आचरण न करने की हिदायत दी। इसी तरह एक युवती ने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की है, जिसमें वह मंदिर परिसर में अशालीन कपड़े पहने हुए नजर आ रही है। उसने अपनी पोस्ट में लिखा, सावन माह के पहले दिन बाबा महाकाल के दर्शन किए।

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष पंडित महेश पुजारी ने इन घटनाओं पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ऐसे कृत्य धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन हैं और इनसे सनातन परंपरा की गरिमा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि युवतियों को विशेष रूप से अपने पहनावे पर ध्यान देना चाहिए। मंदिर में रील बनाना सबसे बड़ा अधर्म है। देश के सभी बड़े मंदिरों का निर्माण इसलिए किया गया था कि लोग यहां आकर दर्शन करें और आध्यात्मिक ऊर्जा से अपना चरित्र निर्माण करें। सभी मंदिर शिक्षा स्थली हैं, लेकिन जब से मंदिरों को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है, तब से फोटो और रील बनाने का चलन बढ़ गया है। कुछ लोग गले में हाथ डालकर दोस्तों को नचाते हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ट्रस्ट को सख्ती करनी चाहिए और ऐसे मामलों में कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने देशभर के मंदिरों में मोबाइल प्रतिबंध को और कड़े ढंग से लागू करने की बात कही।

मंदिर प्रशासन ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और कहा है कि भविष्य में किसी भी श्रद्धालु द्वारा मोबाइल अंदर न ले जाया जाए, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर