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नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्य वकील उज्ज्वल निकम ने दशकों के अनुभव और देश के सबसे हाई-प्रोफाइल और जटिल मामलों को संभालने के बाद सर्वश्रेष्ठ वकीलों में से एक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है।
उन्होंने 1993 के बॉम्बे बम विस्फोटों, गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन हत्याकांड और 2008 के मुंबई हमलों के संदिग्धों पर मुकदमा चलाने में मदद की। वह 2013 के मुंबई सामूहिक बलात्कार मामले और 2016 के कोपर्डी बलात्कार और हत्या मामले में भी विशेष सरकारी वकील रहे।
उज्ज्वल निकम ने 26/11 के मुंबई हमले के मुकदमे के दौरान महाराष्ट्र की ओर से बहस की। उन्होंने ही 26/11 मुंबई आतंकी हमले के एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी तक पहुंचाया था। उनका 30 साल का लंबा करियर रहा है। उन्होंने अपने करियर में 628 आजीवन कारावास और 37 मृत्युदंड की सजा दिलाई।
उनका जन्म 30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ और उनके पिता एक न्यायाधीश थे। उन्होंने केसीई सोसाइटी के मनियार लॉ कॉलेज से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद निकम ने जलगांव में जिला अभियोजक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
उज्ज्वल निकम को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध है। उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुंबई उत्तर मध्य से चुनाव लड़ा, लेकिन वे कांग्रेस उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ से 16,514 वोटों के अंतर से हार गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव