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श्रीनगर 10 जुलाई (हि.स.)। समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने और आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य विभाग ने 2308 अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों को 4.7 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की।
जनजातीय कार्य मंत्री जावेद अहमद राणा के निर्देशों के तहत जम्मू कश्मीर के मेधावी और योग्य एसटी छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कुल 4,71,61,575 की राशि जारी की गई है। यह निर्णय उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की आदिवासी परिवारों पर वित्तीय बोझ कम करने और शैक्षणिक अवसरों तक समान पहुँच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वितरित छात्रवृत्ति का उद्देश्य समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना, शिक्षा और क्षमता निर्माण के माध्यम से आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाना और जम्मू और कश्मीर में आदिवासी समुदायों के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना है।
जनजातीय कार्य मंत्री ने जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों को अनुसूचित जनजाति के दर्जे के अंतर्गत नए सूचीबद्ध समुदायों को विभाग की छात्रवृत्ति व्यवस्था के दायरे में लाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं। इससे इन समुदायों के पात्र छात्र ऑनलाइन छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकेंगे, जिससे इस पहल की पहुँच और प्रभाव का और विस्तार होगा। जनजातीय कार्य विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है कि इस योजना का लाभ सबसे योग्य छात्रों तक पहुँचे। जम्मू-कश्मीर जनजातीय कार्य निदेशक मुमताज अली ने बताया कि शेष राशि जल्द से जल्द जारी करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं और मंत्रालय के साथ इस मामले पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही 1.44 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी होने की उम्मीद है, जिसमें और अधिक छात्र शामिल होंगे। मंत्री राणा ने लाभार्थी छात्रों को अपनी शुभकामनाएं दीं और उन्हें अपनी शैक्षणिक यात्रा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आदिवासी युवाओं के भविष्य को आकार देने में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, भविष्य के प्रयासों में सरकार की ओर से निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया