महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी विषय अनिवार्य नहीं, बल्कि स्वैच्छिक : दादा भुसे
महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी विषय अनिवार्य नहीं, बल्कि स्वैच्छिक : दादा भुसे


मुंबई, 18 जून (हि.स.)। राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने बुधवार को कहा कि पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। हिंदी भाषा को स्वैच्छिक रखा गया है। अगर कक्षा में बीस से अधिक छात्र हिंदी भाषा की मांग करते हैं, तो उसकी व्यवस्था स्कूल प्रशासन को करनी होगी। अगर किसी भी माध्यम के स्कूल में मराठी की शिक्षा नहीं दी गई, तो कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, मंगलवार को देर रात राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का शासनादेश जारी किया था। जब कई संगठनों ने हिंदी भाषा का विरोध किया, तो राज्य सरकार ने कल जारी शासनादेश में संशोधन कर अनिवार्य शब्द हटा दिया। इस संबंध में दादा भूसे बुधवार को मुंबई में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले के अनुसार इच्छुक छात्रों को कक्षा 5 से तीसरी भाषा चुनने का विकल्प दिया गया है। यदि तीसरी भाषा के लिए कम से कम 20 छात्रों की मांग है, तो उस स्कूल में शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। यदि छात्रों की संख्या कम है, तो तीसरी भाषा ऑनलाइन पढ़ाई जाएगी। स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सभी माध्यम के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। अंग्रेजी माध्यम या किसी अन्य माध्यम के स्कूलों में भी मराठी भाषा पढ़ानी होगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस फैसले को लेकर सफाई देते हुए कहा कि हिंदी पढ़ाना स्वैच्छिक होगा न कि अनिवार्य। पिछले कुछ सालों से कई स्कूलों में कक्षा 5 से हिंदी पढ़ाई जा रही है। साथ ही अन्य माध्यमों के स्कूलों में मातृभाषा के साथ अंग्रेजी को तीसरी भाषा के तौर पर पढ़ाया जाता है। मराठी भाषा पढ़ाते समय देवनागरी लिपि का इस्तेमाल अनिवार्य है। सरकार ने इस बात पर भी ध्यान दिया है कि संवाद करते समय हिंदी का भी खूब इस्तेमाल होता है। जिन कक्षाओं में विद्यार्थी तीसरी भाषा की मांग करेंगे, उनके लिए उसी हिसाब से योजना बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर स्कूल इस फैसले पर अमल नहीं करते और एक-दो निर्देश देने के बाद भी मराठी पढ़ाना शुरू नहीं करते, तो संबंधित स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव