ठगी के मामले में चार आरोपित गिरफ्तार
पुलिस का लोगो


नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (साउदर्न रेंज) ने ठगी के गैंग का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट का संचालन इंडो किर्गिज ग्लोबल प्रा. लि. के माध्यम से किया जा रहा था। इस मामले में तीन आरोपिताें साहिल नरवाल, अतुल माथुर और कमल कुमार को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का सरगना महावीर सिंह अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गाैतम ने बताया कि शिकायतकर्ता पंकज कुमार वर्मा ने शिकायत दी कि इंडो किर्गिज ग्लोबल प्रा. लि. द्वारा उनके साथ 4.62 करोड़ की धोखाधड़ी की गई। शिकायत में पीड़ित ने महावीर सिंह (डायरेक्टर), साहिल नरवाल (उसका बेटा), अतुल माथुर (फाइनेंस मैनेजर) और कमल कुमार (एचआर मैनेजर) पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने किर्गिजस्तान में बड़ी लेबर डील होने का दावा कर उनसे पैसे लिए। भरोसा दिलाने के लिए वर्मा को किर्गिजस्तान ले जाकर नकली संचालन दिखाए गए। इसके बाद उन्होंने लगभग 500 श्रमिकों के वीजा और नौकरी अनुबंध हेतु 4.62 करोड़ ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने शिकायकर्ता के बयान पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगोलपुरी स्थित कंपनी कार्यालय पर छापा मारकर तीनों आरोपितों को उस वक्त पकड़ा जब वे दफ्तर खाली कर भागने की तैयारी में थे।

पुलिस अब अन्य पीड़ितों की पहचान कर कुल ठगी गई राशि और मुख्य आरोपित महावीर सिंह की तलाश में जुटी है।

ठगी का खुलासा

जांच में पता चला है कि 463 वीजा प्रोसेस हुए लेकिन केवल 346 श्रमिक ही भेजे गए।

उनमें से कई को बुरी परिस्थितियों में रखा गया। इन लोगों को वेतन नहीं दिया और जबरन इस्तीफा करवाया गया। वहीं धमकियों के बाद

300 से अधिक श्रमिकों को वर्मा की मदद से वापस लाया गया। इस बीच जब पीड़ित ने

आरोपितों से रुपये मांगे तो उन्होंने पैसे देने से इनकार किया।

जांच के दौरान मिले सबूतपुलिस ने गिरफ्तारी से पहले आरोपितों और पीड़ितों के बीच की व्हाट्सएप चैट को कब्जे में लिया। उसके बाद

कंपनी के फर्जी समझौते और 1.24 करोड़ के भुगतान रसीदें बरामद की।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी