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मुंबई, 14 जून (हि.स.)। महाराष्ट्र में 22 जुलाई को हर साल शुद्ध देशी गोवंश संरक्षण व संवर्धन दिवस मनाया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह जानकारी पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे ने दी है।
शुद्ध देशी गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन दिवस के उपलक्ष्य में चर्चा सत्र, प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन पशुपालन विभाग और महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के साझे में किया जाएगा। इन आयोजनों पर आने वाला खर्च गोसेवा आयोग की निधि से वहन किया जाएगा। पंकजा मुंडे ने बताया कि देशी गायों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। आधुनिक तकनीक से देशी गायों की गुणवत्ता बढ़ाकर अधिक उत्पादक बनाना है। साथ ही, देशी गायों के दूध, गोबर और गोमूत्र के उत्पादन व विपणन के लिए बाजार उपलब्ध कराने पर भी बल दिया जाएगा।
पशुपालन मंत्री पंकजा के अनुसार देशी गायों के संरक्षण और स्थानीय नस्लों के संवर्धन की दिशा में सकारात्मक पहल है। सूबे के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली देशी गायों की प्रमुख नस्लों में मराठवाड़ा में देवणी और लाल कंधारी, पश्चिम महाराष्ट्र में खिलार, उत्तर महाराष्ट्र में डांगी और विदर्भ में गवलाऊ शामिल हैं। दूध उत्पादन व प्रजनन क्षमता कम होने के कारण इन गायों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार