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कानपुर, 13 जून (हि. स.)। प्रदेश में विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून तक चलाया गया। जिसमें आईसीएआर व कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञों द्वारा किसानों के मध्य व्यापक कृषि की नवीनतम तकनीकों को फैलाने का कार्य किया गया। यह जानकारी शुक्रवार को आईसीएआर अटारी जोन तीन कानपुर के निदेशक डॉक्टर एस के दुबे ने दीं।निदेशक डॉक्टर एस के दुबे ने बताया कि इस दौरान विभिन्न फसलों और कृषि क्षेत्र में अनुसंधान योग्य समस्याएं भी सामने आई।जिनका समाधान भविष्य में नीति निर्माण और अनुसंधान की दिशा तय करेगा। अभियान के अंतर्गत फसलवार अनुसंधान योग्य समस्याओं की पहचान की गई।उन्होंने कहा कि जिनका समाधान वैज्ञानिक शोध व क्षेत्रीय परीक्षणों के माध्यम से किया जाएगा।डॉक्टर दुबे ने बताया कि मध्य उत्तर प्रदेश के कृषकों में उर्द की हरी प्रजाति के बीज तथा मूंग में पीला रोग सहनशील बीजों की आवश्यकता महसूस की गई। उन्होंने कहा कि खरीफ में तिल की पानी सहनशील प्रजातियों की आवश्यकता महसूस हुई,वहीं आलू, धान, गन्ना,करेला व खीरे की रोगरोधी प्रजातियों की आवश्यकता महसूस की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद