अत्यधिक स्नान से बीमार भगवान जगन्नाथ को चढ़ रहा काढ़े का प्रसाद,आराम कर रहे
जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद का वितरण


—अस्सी स्थित मंदिर में काढ़े का प्रसाद पाने उमड़ रहे श्रद्धालु

वाराणसी,14 जून (हि.स.)। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ बीमार (प्रतीक रूप से) है। अस्सी स्थित मंदिर में आराम कर रहे भगवान जगन्नाथ को स्वस्थ होने के लिए काढ़ा पिलाया जा रहा है। भगवान के विग्रह पर चढ़े काढ़े का प्रसाद पाने के लिए मंदिर में श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे है। मंदिर में एक पखवाड़े तक भगवान के विग्रह का दर्शन नही मिलने के बावजूद श्रद्धालु काढ़ा का प्रसाद पाकर आह्लादित है। मंदिर के प्रधान पुजारी राधेश्याम पांडेय के अनुसार कच्ची चीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, जायफर, दालचीनी, तुलसी का पत्ता, गुलाब जल एवं चंदन के अर्क से बना काढ़ा भगवान को चढ़ाया जा रहा है। औषधि मसाले से बने इस काढ़े के प्रसाद को पीने से शरीर की तमाम व्याधि दूर होती है। वहीं ,शरीर का प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। पुजारी राधेश्याम पांडेय के अनुसार भगवान को भोग लगाकर भक्तों में काढ़े का प्रसाद वितरित किया जा रहा है। बताते चले ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में परम्परानुसार भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के जलाभिषेक की परम्परा है। भगवान भी भक्तों के श्रद्धारूपी प्रेम में जमकर स्नान करते है। पूरे दिन अत्यधिक स्नान के कारण भगवान प्रतीक रूप से बीमार पड़ जाते है। भगवान जगन्नाथ प्रतीक रूप से एक पखवाड़ा तक आराम कर काढ़ा का भोग पीकर स्वस्थ्य होते है। इस एक पखवाड़े में श्रद्धालुओं को भगवान का दर्शन नहीं मिलता। पूरे पखवाड़े भर भगवान का प्रसाद रूपी काढ़ा श्रद्धालुओं में बंटता है। भारतीय सनातन संस्कृति का मूल आधार श्रद्धा और विश्वास ही है। श्रद्धा और विश्वास के बल पर ही भारी से भारी संकट मनुष्य का दूर हो जाता है । कुछ इसी तरह दृश्य और भाव भगवान जगन्नाथ के मंदिर में देखने को मिल रहा है । कहने को तो भगवान जगन्नाथ बीमार है और आराम कर रहे हैं। लेकिन उनके बीमारी को दूर करने के लिए चढ़ाया जा रहे काढा रूपी प्रसाद उनके भक्तों का भी रोग दूर कर रहा है । पिछले कई वर्षों से मंदिर से काढ़ा का प्रसाद लेने वाली क्षेत्रीय महिला श्रद्धालु साधना यादव ने बताया कि उनकों कई सालों से पेट में गैस कब्ज आदि की शिकायत है। दवा खाती है तो ठीक हो जाता है। फिर शुरू हो जाता है। लेकिन जब से मंदिर से भगवान जगन्नाथ का प्रसाद ग्रहण किया काफी आराम मिला है। श्रद्धालु अनुराधा सिंह बताती है कि भगवान का यह प्रसाद रूपी काढ़ा उनके शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार कर देता है। यह सब भगवान जगन्नाथ की लीला है। कहने को बीमार है लेकिन अपनी बीमारी में भी अपने भक्तों का ही भला कर रहे हैं ।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी