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मीरजापुर, 13 जून (हि.स.)। पहाड़ी ब्लॉक के दांती गांव में शुक्रवार को आयोजित किसान गोष्ठी एक नई उम्मीद की तरह साबित हुई, जहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के कृषि विज्ञान संस्थान द्वारा संचालित शुष्क कृषि परियोजना के अंतर्गत किसानों को एकीकृत कृषि प्रणाली से जोड़ने की दिशा में प्रेरित किया गया।
गोष्ठी में परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुपम नेमा ने करीब 40 किसानों को वर्षा आधारित खेती को लाभकारी बनाने के लिए मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे अतिरिक्त साधनों से आय बढ़ाने के सुझाव दिए। साथ ही किसानों की समस्याएं भी ध्यानपूर्वक सुनीं।
बीज वितरण कार्यक्रम बना आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम में खरीफ की तैयारी कर रहे किसानों को धान की बेहतर किस्मों के बीज वितरित किए गए। इस अवसर पर सहायक वैज्ञानिक डॉ. सुधीर कुमार राजपूत समेत अन्य कृषि विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
ग्रामीण किसानों में दिखा उत्साह
कार्यक्रम के दौरान किसानों में खासा उत्साह देखा गया। उन्हें नई तकनीकों और संसाधनों की जानकारी मिली, जिससे वे पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक उपायों को जोड़कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा