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लखनऊ, 14 जून(हि.स.)। माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र एवं विधायक अब्बास अंसारी को दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद मऊ में उपचुनाव होने की आहट है। मऊ में उपचुनाव से पहले भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों एवं सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर के मध्य मंथन चल रहा है। वहीं अंसारी परिवार अपने परम्परागत सीट को फिर से जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब्बास अंसारी ने भाई उमर अंसारी या चाचा अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी को उपचुनाव लड़ाने का संकेत दिया है।
सुभासपा के अध्यक्ष एवं यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मऊ में उपचुनाव सीट पर दावा करते हुए कहा है कि अब्बास अंसारी सुभासपा से मऊ सदर के विधायक रहे। इस सीट पर सुभासपा पहले भी जीती है और उपचुनाव में मौका मिला तो फिर से जीतेगें। जो भविष्य में मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होता है तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी चुनाव लड़ेगी।
ओमप्रकाश राजभर ने उपचुनाव को लेकर आगे कहा कि भाजपा से गठबंधन होने के कारण हमने अपनी बात को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा दी है। अभी उपचुनाव को लेकर मंथन चल रहा है। मऊ में अब्बास अंसारी से हमारा कंडिडेट ही डटकर मुकाबला कर सकता है। भाजपा के सपोर्टर सिर्फ साथ दे तो सुभासपा का कंडिडेट एक तरफा मुकाबले में जीत हासिल करने में सफल होगा। इस बार भाजपा और सुभासपा गठबंधन का प्रत्याशी ही जीत हासिल करेगा।
मऊ में उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा था कि अब्बास अंसारी की विधायकी तो जानबूझ कर ली गयी है। मऊ में उपचुनाव होता है तो समाजवादी पार्टी पूरे दम से चुनाव लड़ेगी। वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव ने दावा करते हुए कहा कि मऊ में उपचुनाव के लिए अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयार रहने के लिए कहा है। मेरा मानना है कि समाजवादी पार्टी के टिकट पर अंसारी परिवार का सदस्य ही लड़ेगा और जीतकर विधायक बनेगा।
उपचुनाव की आहट के बीच अब्बास अंसारी और उनके चाचा सांसद अफजाल अंसारी कोर्ट से न्याय की उम्मीद लगाये हुए है। अफजाल अंसारी की ओर से पत्रकारों से कहा गया है कि कोर्ट में सुनवाई जारी है और इस कारण अभी कुछ कहेगें नहीं। कोर्ट के किसी निर्णय के बाद जैसा होता है, आगे वैसी रणनीति बनेगी। अब्बास अंसारी को हेट स्पीच में मिली दो वर्ष की सजा पर बड़ी अदालत का दरवाजा खट खटायेगें।
बता दें कि 35 वर्षो से मऊ विधानसभा सीट अंसारी परिवार के पास ही रही है। इस मऊ सीट को मुख्तार के नाम से जाना जाता रहा है। मुख्तार अंसारी के जेल में मरने के बाद से मऊ के लोगों में अंसारी परिवार को लेकर सहानुभूति है। वहीं अब्बास अंसारी को दो वर्ष की सजा होने और उसकी विधायकी चले जाने के बाद मऊ के लोगों में तरह तरह की चर्चाएं भी है। जिसमें वाराणसी के पूर्व एमएलसी, प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सहित तमाम बड़े नामों के मऊ से उपचुनाव लड़ने की चर्चा व्यापक है।
हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र