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- स्वास्थ्य विभाग की राज्य टास्क फोर्स बैठक में बनी ठोस रणनीति, जुलाई से चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान
देहरादून, 11 जून (हि.स.)। उत्तराखंड में खसरा और रूबेला जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन और नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, के सभागार में राज्य टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का टीकाकरण पर फोकस करते हुए 2026 तक उत्तराखंड एम.आर. फ्री राज्य बनाने पर जोर दिया गया।
बैठक की अध्यक्षता मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वाति एस. भदौरिया ने वर्ष 2026 तक उत्तराखंड को खसरा-रूबेला मुक्त बनाने की दिशा में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। मिशन निदेशक ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि खसरा और रूबेला दोनों ही संक्रामक वायरल बीमारियां हैं, जो विशेषकर बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। ये बीमारियां निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, अंधत्व और यहां तक कि मृत्यु का भी कारण बन सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में ये भ्रूण विकृति और गर्भपात जैसी जटिलताओं को जन्म देती हैं। इसलिए इनका उन्मूलन वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उत्तराखंड में इस दिशा में 95 प्रतिशत या उससे अधिक टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा गया है, जिससे सामुदायिक प्रतिरक्षा विकसित की जा सके।
मिशन निदेशक ने बताया कि जुलाई 2025 से अगले तीन महीनों तक पूरे प्रदेश में विशेष एम.आर. टीकाकरण सप्ताह आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों की निगरानी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। यदि किसी कारणवश कोई टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हो पाता है, तो उसके पीछे के कारणों की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र में टीकाकरण सत्रों की नियमित समीक्षा, जन-जागरूकता गतिविधियों और सत्र आयोजन पर विशेष ध्यान दें। इस बैठक में डॉ. मनु जैन (निदेशक, एनएचएम), डॉ. कुलदीप मार्तोलिया (राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी), शैलेन्द्र सिंह चौहान (उप निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा), डॉ. हितेन्द्र (उप निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य), तरूणा चमोला (स्टेट नोडल अधिकारी, महिला एवं बाल विकास), डॉ. हंस वैस (अध्यक्ष, आईएपी),डॉ.सौरभ सिंह (सहायक निदेशक, आईडीएसपी),डॉ.फरीद जफ्फर (सहायक निदेशक, अर्बन हेल्थ प्रोग्राम) सहित डब्ल्यूएचओ और यूएनडीपी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इसके अलावा राज्यभर के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार