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नैनीताल, 12 जून (हि.स.)। नैनीताल जनपद मुख्यालय में नैनी झील में गुरुवार को एक 13 वर्षीय बालिका के डूबने की सूचना से सनसनी फैल गयी। सूचना मिलने पर बालिका की तलाश में नैनीताल अग्निशमन सेवा, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और जनता ने तत्काल नाविकों की मदद से खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया। इसके बाद लगभग 5 घंटों की तलाश के बाद नावों के माध्यम से झील में कांटे डालकर बालिका को मृत अवस्था से झील से बाहर निकाला जा सका।
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनीताल के अयारपाटा क्षेत्र में अरविंद आश्रम के पास स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के एवर फायल स्थित आवासीय परिसर में रहने वाले व कुमाऊं विश्वविद्यालय में कार्यरत संजीत आर्य की 13 वर्षीय पुत्री अंजली आर्य गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे अचानक घर से बिना बताये कहीं चली गयी। वह चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की थी। बताया गया है कि उसे उसकी मां ने किसी बात पर मामूली तौर पर डांट दिया था।
तलाश करने पर उसके चप्पल झील के किनारे पाये गये, इसके बाद आशंका जतायी जाने लगी कि वह किसी कारण झील में डूब गयी होगी। शाम सवा पांच बजे उसके नैनी झील में डूबने की सूचना पुलिस के डीसीआर को मिली। इसके बाद अग्निशमन सेवा के प्रमुख अग्निशमन अधिकारी अर्जुन सिंह, चालक उमेश कुमार, अग्निशमन कर्मी राजेंद्र सिंह, विवेक थापा और नीरज कुमार, मल्लीताल कोतवाली के प्रभारी हेम चंद्र पंत सहित बड़ी संख्या में पुलिस, एसडीआरएफ के जवान जुटे और नौकाओं के माध्यम से नैनी झील में कांटे डालकर बालिका की तलाश शुरू की। आखिर शाम लगभग 7 बजे उसका शव पाषाण देवी मंदिर के पास झील से बरामद हुआ। बेटी की इस तरह असामयिक मौत से उसका परिवार गहरे शोक की स्थिति में है, वहीं यह घटना समाज के लिये विचारणीय व चिंताजनक है कि क्या वह अपने बच्चों को मामूली रोकटोक भी न करें और बच्चों में क्यों सहनशीलता घट रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी