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चेन्नई, 10 जून (हि.स.)। सार्वजनिक जीवन में शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश करते हुए शिवकाशी के एक न्यायाधीश ने अपनी बेटी का सरकारी स्कूल में दाखिला कराया है। न्यायाधीश का यह निर्णय सरकारी स्कूलों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में उनके विश्वास को दर्शाता है और सार्वजनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।
न्यायाधीश की बेटी अब शिवकाशी के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रा है, जहां वह शैक्षणिक और पाठ्येतर गतिविधियों में आगे बढ़ रही है। न्यायाधीश के इस निर्णय ने समुदाय को एक सकारात्मक संदेश दिया है, जिसमें सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने की क्षमता पर प्रकाश डाला गया है।
इस कदम से अन्य माता-पिता अपने बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों पर विचार करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे संभावित रूप से नामांकन में वृद्धि होगी और सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। न्यायाधीश के नेतृत्व ने उदाहरण पेश किया है कि चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो सरकारी स्कूल परिवारों के लिए एक व्यवहार्य और लाभदायक विकल्प हो सकते हैं।
जज के इस फैसले का स्थानीय समुदाय और शिक्षा हितधारकों ने सराहना की है, जो इसे सार्वजनिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों में विश्वास के रूप में देखते हैं। अपनी बेटी के लिए सरकारी स्कूल चुनकर जज ने दिखाया है कि उच्च पदों पर बैठे लोग भी सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को महत्व देते हैं और उस पर भरोसा करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी