‎योग केवल व्यायाम नहीं, यह भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है।— डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ,
‎-ओम कश्यप बने योग चैंपियन, 170 बच्चों ने लिया भाग हरिद्वार, 24 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व आयोजित योग माह के क्रम में सरस्वती विद्यामंदिर, बीएचईएल में जिला स्तरीय योगासन प्रतियोगिता में बच्चों ने अनुशासन, लय और संतुलन का अद्भुत प्र
विजेताओं को सम्मान करते


‎-ओम कश्यप बने योग चैंपियन, 170 बच्चों ने लिया भाग

हरिद्वार, 24 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व आयोजित योग माह के क्रम में सरस्वती विद्यामंदिर, बीएचईएल में जिला स्तरीय योगासन प्रतियोगिता में बच्चों ने अनुशासन, लय और संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों के 170 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

‎प्रतियोगिता की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नोडल अधिकारी डॉ. घनेन्द्र वशिष्ठ ने की, जबकि मार्गदर्शन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश व राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय का रहा।

‎प्रतियोगिता में शिवालिक पब्लिक स्कूल के ओम कश्यप ने पहला स्थान प्राप्त किया। नंदिनी ने द्वितीय और अभय ने तृतीय स्थान प्राप्त कर सबका ध्यान खींचा।

‎अध्यक्षता कर रहे डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि आज की प्रतियोगिता इस बात का प्रमाण है कि हमारी नई पीढ़ी योग को सिर्फ एक कसरत नहीं, बल्कि जीवन का एक आवश्यक हिस्सा मानने लगी है। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का व्यायाम नहीं बल्कि भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है। इस दिशा में मानवता को जोड़ने वाला सबसे प्रभावी माध्यम है।

‎कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को ट्रॉफी और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला