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देहरादून, 04 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताते हुए कहा कि हमें एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण की दिशा में भी चिंतन करना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखंडवासियों के स्वभाव में है। हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुडने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के प्रति संकल्पबद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को जीवन से जुड़ा विषय बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समृद्ध जैव संसाधनों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखंड अपनी वन सम्पदा और नदियों के कारण पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का ध्वजवाहक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ ही आम लोगों,जन प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन में निरंतर सक्रिय योगदान करना होगा। अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के साथ ही नदी और जल स्रोतों की साफ सफाई के लिए भी पूरा प्रयास जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की भी जरूरत बतायी है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में प्रदेशभर में संचालित पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान में सभी लोगों से बढ़चढ़ कर प्रतिभाग करने की अपील करते हुए एक पेड़ मां के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने और उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार