विश्व मधुमक्खी दिवस : राज्यपाल ने प्रगतिशील मौन पालकों को किया सम्मानित
देहरादून, 20 मई (हि.स.)। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर आज राजभवन में मौन पालकों ने प्रदर्शनी लगाई। इस दौरान शहद से बनने वाले उत्पादक आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि मौन पालन उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़
प्रदर्शनी शा अवलाेकन करते राज्यपाल गुरमीत सिंह।


देहरादून, 20 मई (हि.स.)। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर आज राजभवन में मौन पालकों ने प्रदर्शनी लगाई। इस दौरान शहद से बनने वाले उत्पादक आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि मौन पालन उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया बन सकता है। उन्होंने मौन पालकों की सराहना कि करने के साथ ही प्रगतिशील मौन पालकों को सम्मानित किया।

सम्मानित किए गए मौन पालकों में बागेश्वर की हेमा तिवारी, पिथौरागढ़ की भावना कार्की, अल्मोड़ा की चंपा देवी, देहरादून की रेखा चौधरी, हरिद्वार के उज्ज्वल सैनी और नैनीताल के शेखर चंद्र भट्ट को सम्मानित किया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया जिनमें गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. अजीत सिंह नैन, प्रसार एवं शिक्षा निदेशक डॉ. जितेंद्र क्वात्रा, मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद मल्ल शामिल रहे।

मौन पालकों व गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र ने यह प्रदर्शनी संयुक्त रूप से आयोजित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में पैदा होने वाले शहद के औषधीय गुण अलग हैं।यहां के शहद को लोकल से ग्लोबल तक ले जाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में शहद उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें व्यावसायिक रूप से विकसित कर वैश्विक मांग को पूरा किया जा सकता है।

राज्यपाल ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा ‘वन यूनिवर्सिटी, वन रिसर्च’ कार्यक्रम के अंतर्गत किए गए शोध कार्यों की सराहना की, जिसमें बताया गया कि राज्य में शहद उत्पादन की वर्तमान क्षमता की कई गुना वृद्धि संभव है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने मुख्य परिसर में 92 एकड़ भूमि पर मधुमक्खी अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है, जो देश के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणा बन रहा है। साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा विश्व के प्रमुख शहद उत्पादक देश स्लोवेनिया के साथ एक समझौता एमओयू भी किया गया है।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में पहली बार विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया। उन्होंने बताया कि ‘‘वन यूनिवर्सिटी, वन रिसर्च’’ पहल के तहत अब तक 750 किसानों को मौन पालन का प्रशिक्षण दिया गया है, जो आगे 100-100 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कर इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को साकार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मधुमक्खी पालन केवल शहद उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परागण के माध्यम से कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. अजीत सिंह नैन, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, निदेशक प्रसार डॉ. जितेंद्र क्वात्रा आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal