सीएस, डीएस-आपूर्तिकर्ता के खिलाफ एफआइआर की मांग तेज
पलामू, 14 मई (हि.स.)।पलामू जिले के सरकारी अस्पतालों के लिए आपूर्ति की गयी असरहीन (कथित नकली) दवाओं के मामले में आपूर्तिकर्ता, अस्पताल अधीक्षक और सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गयी है। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की पलामू जिला सचिव, एटक के
औषधि निरीक्षक कार्यालय


पलामू, 14 मई (हि.स.)।पलामू जिले के सरकारी अस्पतालों के लिए आपूर्ति की गयी असरहीन (कथित नकली) दवाओं के मामले में आपूर्तिकर्ता, अस्पताल अधीक्षक और सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गयी है। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की पलामू जिला सचिव, एटक के झारखंड राज्य सचिव एवं अन्य संगठनों ने सीएस, डीएस एवं आपूर्तिकर्ता के खिलाफ एफआइआर की मांग की है।

इस सिलसिले में एटक के राज्य सचिव राजीव कुमार ने बुधवार को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया गया है।

एटक राज्य सचिव ने ज्ञापन में कहा है कि पलामू स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद दवाओं की जांच के बाद नकली दवाएं मिली है, जिसकी चर्चा हर तरफ है। इस तरह की दवाओं की आपूर्ति पहले से चल रही होगी, ऐसी आशंका है। नकली एवं असरहीन दवाओं की आपूर्ति से जुड़ा मामला एक गंभीर आपराधिक मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के जिला सचिव रूचिर तिवारी और अन्य नेताओं ने नकली दवा का मामला सामने आने के दो दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जिले के उपायुक्त को इस मामले में पत्र लिखकर कहा है कि पलामू के अस्पतालों में 20 में से 18 दवाओं का नकली पाया जाना और उसके बावजूद सिविल सर्जन के द्वारा यह कहना कि जिस सप्लायर ने खराब दवा दी है, वह बदलकर पुनः दूसरी दवा उपलब्ध कराये और सप्लायर को क्लीन चिट दे देना, इससे साबित होता है कि सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक की भी इसमें मिलीभगत है।

भाजपा के विधायक और सांसद समेत पलामू के ही वित्त मंत्री इस मामले में अबतक अनभिज्ञ हैं। रूचिर ने कहा है कि उपायुक्त अविलंब दोषियों पर एफआइआर दर्ज कराये, ताकि मरीजों को न्याय मिल सके।

पलामू जिला के स्टोर रूम और तरहसी सीएचसी से ली गयी 62 दवाओं की जांच जारी है। अबतक 62 में से 24 दवा नकली पायी गयी है। 34 दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है। संभावना है कि इनकी जांच रिपोर्ट में भी गड़बड़ी मिलेगी।

तीन दिन पहले औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने जानकारी दी थी कि 62 में से 20 दवा की जांच करने पर 18 गुणवताविहीन पायी गयी है। इस बीच 8 और दवाओं की जांच रिपोर्ट आयी, जिसमें 6 दवा गुणवताविहीन मिली है। इस प्रकार अबतक 28 दवाओं की जांच हो चुकी है। 34 दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार