मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और सेवाभाव से परिवादियों को मिल रही बड़ी राहत
-जन सेवा का अप्रतिम उदाहरण बनी मुख्यमंत्री की जन-सुनवाई, समस्याओं के समाधान से आमजन की राह हो रही आसान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा


जयपुर, 14 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशील, सेवाभावी और सर्वस्पर्शी कार्यां की त्रिवेणी ने आमजन की परिवेदनाओं का त्वरित निस्तारण करने का एक तंत्र सुविकसित किया है। जन सेवा को सर्वाच्च प्राथमिकता देते हुए पूरी पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता के साथ परिवेदनाओं को उसके निष्कर्ष तक पहुंचाना इस तंत्र का आधार है। इससे प्रदेश के युवा, महिला, मजदूर और किसान सहित सभी वर्गों को सुगम सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में जनता की समस्याओं का समयबद्धता निस्तारण किया जा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री निवास पर नियमित जनसुनवाई ने जनसेवा का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

गंगापुर सिटी निवासी कैलाश चन्द्र सेन पारिवारिक आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटी मीनाक्षी का स्थानीय विद्यालय में दाखिला नहीं करवा पा रहे थे। कैलाश ने जनसुनवाई में आकर मुख्यमंत्री शर्मा के समक्ष अपनी परिवेदना प्रस्तुत की। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बालिका का नजदीक के विद्यालय में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए। आज मीनाक्षी नजदीक के विद्यालय में आरटीई के तहत निःशुल्क अध्ययन कर रही है। वह नियमित स्कूल जाती है और बडे़ गर्व से कहती है कि मैं आगे बढूंगी और अपने माता-पिता का नाम रोशन करूंगी। साथ ही, सक्षम बन विकसित भारत-विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने में भूमिका निभाऊंगी।

मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे मुकेश ने जनसुनवाई में मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता के लिए निवेदन किया। इस पर शर्मा ने संवेदनशीलता दिखाते हुए मुकेश को त्वरित राहत देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में अधिकारियों ने मुकेश का नाम खाद्य सुरक्षा में जुड़वाया। अब मुकेश को नियमित राशन उपलब्ध हो रहा है, जिससे उसे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में बहुत संबल मिला है। भजनलाल शर्मा का धन्यवाद करते हुए मुकेश कहते हैं कि उनकी संवेदनशीलता एवं त्वरित निर्णयों से उन्हें बहुत राहत मिली है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार।

ऑटो-रिक्शा चलाने वाले हरीश के बेटे रोहित का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। इस अकस्मात निधन के परिणामस्वरूप हरीश का पूरा परिवार विषम आर्थिक स्थितियों से जूझ रहा था। इसके साथ ही निश्चित समयावधि में हरीश मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के तहत आवेदन भी नहीं कर पाए। जिससे उनकी मुसीबतों में इजाफा हुआ। जब हरीश ने उक्त योजना के तहत मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष फरियाद की तो शर्मा ने प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरीश को मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के आवेदन की समयावधि में शिथिलता दी जाए। शर्मा के निर्देशों के पश्चात् आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री के इस सहानुभूतिपूर्ण निर्णय से हरीश को बड़ी राहत मिल सकेगी।

मुकेश, मीनाक्षी, हरीश तो केवल कुछ ही नाम है लेकिन सैकड़ों-हजारों परिवादियों को मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही नियमित जनसुनवाई में अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है। छोटी हो या बड़ी, हर परिवेदना को निष्कर्ष तक पहुंचाया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित